झांसी निवासी कृतिक जैन ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए पुणे से नौकरी छोड़कर अपने घर लौट आये. उन्होंने फर्नीचर बिजनेस शुरू किया और आज एक सफल उद्यमी हैं.
झांसी : दुनिया का हर युवा किसी बड़े शहर में जाकर अपना नाम बनाना चाहता है, लेकिन ऐसा शायद ही कभी होता है कि कोई बड़े शहर में अपना अच्छा चलता हुआ काम छोड़कर अपने घर लौट आए. यह काम झांसी के रहने वाले कृतिक जैन किया. उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए नौकरी छोड़कर झांसी लौटने का फैसला किया. यहां आकर उन्होंने बिजनेस शुरु किया. आज वह एक कामयाब बिजनेसमैन हैं. पिता की इच्छा के लिए लौटे झांसी बिजनेसमैन कृतिक जैन ने लोकल 18 को बताया कि वह पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर नौकरी कर रहे थे.
इसके साथ ही वह जर्मन भाषा का कोर्स करने के बाद जर्मनी जाने की योजना बना रहे थे. लेकिन एक दिन अचानक उनके पिता का फोन आया. उन्होंने इच्छा जताई कि कृतिक झांसी लौटकर परिवार का बिजनेस संभालो. इस काम को फैलाए. पिता की इच्छा पूरी करने के लिए वह झांसी वापस लौट आए. यहां आकर फर्नीचर का बिजनेस नए स्तर पर शुरु किया. कड़ी मेहनत से खड़ा किया बिजनेस कृतिक ने बताया कि उन्होंने एक ऐसी दुकान शुरू की. जहां घर से जुड़ा हर आवश्यक सामान लोगों को एक ही छत के नीचे मिल जाए. फर्नीचर के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए वह खुद अलग-अलग शहरों में गए. कई दुकानों में घूमे. उन्होंने युट्यूब की मदद भी ली. आज झांसी में उनकी अपनी एक बड़ी दुकान है. झांसी में उनकी पहचान एक कामयाब बिजनेसमैन की है. डर के आगे जीत है कृतिक कहते हैं कि शुरुआत में जब वह झांसी लौटे थे. उस समय चिंता और डर में थी कि सबकुछ कैसे होगा. कामयाबी मिलेगी या नहीं, लेकिन पिता के सहयोग और मेहनत से आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. वह जल्द ही बुंदेलखंड के अन्य जिलों में भी अपना व्यापार विस्तार करेंगे और पिता का नाम रोशन करेंगे
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