पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण अवधि है जो पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए होती है। इस दौरान तर्पण करने से उन्हें सुख और शांति मिलती है। आज 29 सितंबर को द्वादशी तिथि पर श्राद्ध किया जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष का समय बहुत खास माना जाता है। यह पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है, जो कुल 16 दिनों तक चलती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पितरों का तर्पण करने से उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष से जुड़ी मुश्किलों का निवारण होता है। वहीं, इस अवधि के लिए कई सारे जरूरी नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है। हालांकि कई बार लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, जो कि नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे जीवन में क्लेश उत्पन्न होता है। आज...
ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम: 46. ऊँ श्री एकपदे नम: 47. ऊँ श्री धनुर्धराय नम: 48. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम: 49. ऊँ श्री केश्वाय नम: 50. ऊँ श्री धनंजाय नम: 51. ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम: 52. ऊँ श्री शान्तिदाय नम: 53. ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम: 54. ऊँ श्री वाराहय नम: 55. ऊँ श्री नरसिंहाय नम: 56. ऊँ श्री रामाय नम: 57. ऊँ श्री शोकनाशनाय नम: 58. ऊँ श्री श्रीहरये नम: 59. ऊँ श्री गोपतये नम: 60. ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम: 61. ऊँ श्री हृषीकेशाय नम: 62. ऊँ श्री पद्मनाभाय नम: 63. ऊँ श्री कृष्णाय नम: 64.
पितृ पक्ष श्राद्ध तर्पण पितरों की पूजा धार्मिक नियम
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