पुणे में शिवसेना (उद्धव गुट) के पांच पूर्व नगर सेवकों ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया है। यह दलबदल महाराष्ट्र में निकाय चुनाव के लिए बिसात बिछाने वाली राजनीति को और गरमा गरम कर रहा है।
पुणे : महाराष्ट्र में अब निकाय चुनाव के लिए बिसात बिछाई जा रही है। दलबदल का दौर भी शुरू हो गया है। नई सरकार के गठन के बाद शिवसेना और बीजेपी में कई दलों के नेता शामिल हो रहे हैं। इस पाला बदल राजनीति में उद्धव सेना को पुणे में बड़ा झटका लगा है। शिवसेना यूबीटी के पांच पूर्व कॉरपोरेटर बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। इससे पहले एक नगरसेवक पहले ही शिंदे सेना और एक कांग्रेस का दामन थाम चुका है। पुणे में यूबीटी के पास 10 नगरसेवक (कॉरपोरेटर) थे, अब पार्टी के साथ तीन ही बचे हैं। विधानसभा चुनाव में हार का
साइड इफेक्ट महाराष्ट्र में अगले दो-तीन महीने के बीच नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव होने की संभावना है। इससे पहले पुणे में शिवसेना (उद्धव गुट) के पांच पूर्व नगर सेवकों ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान कर दिया। 2017 में संयुक्त शिवसेना के 10 नगर सेवक चुने गए थे। इनका कार्यकाल 2022 में ही खत्म हो गया। कानूनी अड़चनों के कारण चुनाव टलते रहे, मगर अधिकतर पार्षद उद्धव ठाकरे के साथ बने रहे। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने उद्धव का साथ नहीं छोड़ा, मगर नई सरकार के बनने के बाद उनका इरादा बदल गया। माना जा रहा है कि यह विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की हार का साइड इफेक्ट है। पुणे में अपना जमीन मजबूत करने में जुटी बीजेपी बीजेपी पुणे में अपना ग्राउंड मजबूत करने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों यूबीटी के पांच पूर्व कॉरपोरेटर सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिले। सीएम से मुलाकात करने वालों में बाला ओसवाल, विशाल धनवड़े, संगीता थोसर, पल्लवी जवाले और प्राची अलहाट शामिल थे। इसके तुरंत बाद बाला ओसवाल और विशाल धनवड़े ने यूबीटी को छोड़ने का ऐलान कर दिया। ओसवाल ने कहा कि वह पांच जनवरी को बीजेपी जॉइन करेंगे और शहर के लोगों के लिए काम करते रहेंगे। इसके बाद विशाल धनवड़े ने भी बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे एक राजनेता के रूप में प्यार और पहचान दी, लेकिन इसे छोड़ने के कई कारण हैं। मुझे पार्टी, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के लिए सम्मान है। मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है, लेकिन पुणे में पार्टी दिशाहीन है, जो बहुत परेशान करने वाला है। शिवसेना और कांग्रेस में भी बंट गई पार्टी बता दें कि पुणे में नगर सेवक (कॉरपोरेटर) रह चुके प्रमोद भांगिरे पहले ही शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। यूबीट
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