पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्राचीन शिव मंदिर का विरासत और आस्था

धर्म समाचार

पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्राचीन शिव मंदिर का विरासत और आस्था
शिव मंदिरआस्थापूर्वी उत्तर प्रदेश
  • 📰 News18 Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 81 sec. here
  • 8 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 53%
  • Publisher: 51%

सैदपुर मोहल्ले में स्थित डेढ़ सौ वर्ष पुराने प्राचीन शिव मंदिर, झूठी कसमें खाने से लगने वाले डर से अनोखा है.

पूर्वांचल में कई प्रकार के मंदिर हैं और हर मंदिर का एक अलग ही मान्यता है. उसी क्रम में मऊ जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना नगर पंचायत के सैदपुर मोहल्ले में स्थित डेढ़ सौ वर्ष पुराने प्राचीन शिव मंदिर में आज भी झूठी कसमें खाने से लोग कतराते हैं. प्राचीन शिव मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. इस मंदिर की नीव आजमगढ़ जनपद के एक अग्रवाल परिवार द्वारा लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व रखा गया.

यह मंदिर पहले खेत हुआ करता था, जब अग्रवाल परिवार द्वारा उनकी बैलों के माध्यम से जोताई की गई, तो वहां शिवलिंग निकला. इसके बाद अग्रवाल परिवार ने वहां खेती करने का विचार पूरी तरह से त्याग कर शिव मंदिर का निर्माण कराने के लिए छोटी सी नीव डाल दी , जो आज यहां के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां झूठी कसमें खाने से डरते है लोग मंदिर में शिवलिंग एवं पुराना पीपल का पेड़ है जहां लोग प्रतिदिन सुबह-शाम पहुंचकर पूजा अर्चना कर अपने व अपने परिवार के लोगों के सुख एवं समृद्धि के लिए मन्नते मांगते हैं. इस मंदिर की एक खासियत है कि आज भी लोग यहां झूठी कसमें खाने से घबराते हैं, लेकिन जो भक्त सच्चे मन से हाथ जोड़कर मन्नते मांगता उसकी हर मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं. इसके बाद इस मंदिर को भव्य रूप देने में मुहम्मदाबाद गोहना कस्बे के दर्जनों व्यापारी, संभ्रांत लोग और सच्चे भक्तों ने मिलकर इस मंदिर का निर्माण करवाया, जहां लोगों द्वारा मंदिर प्रांगण में एक पीपल का पेड़ भी लगाया गया जो आज भी शिवलिंग के बगल में पीपल का पेड़ उसी तरह हरा-भरा खड़ा है. जहां लोग परिक्रमा कर धागा बांधकर मन्नते मांगते हैं . देवघर की तरह ही यहां भी है शिवलिंग इस मंदिर की एक खासियत यह भी है कि हर वर्ष यहां से शिव बारात शहीद चौक स्थित शिव मंदिर तक जाती है . वहां से वापस होने के बाद यहां पर एक भव्य भंडारा श्रद्धालुओं एवं शिव मंदिर सेवा समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है. इस भंडारे में हजारों लोग पहुंचकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिससे भोले बाबा सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस मंदिर की तुलना झारखंड के देवघर से की जाती है. सावन के महीने में जितना देवघर में भीड़ लगती है ठीक उसी तरह लोगों की भीड़ यहां भी लगती है, क्योंकि जैसे वहां शिवलिंग जमीन से बाहर आकर स्थापित है वैसे ही यहां शिवलिंग स्थापित ह

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

News18 Hindi /  🏆 13. in İN

शिव मंदिर आस्था पूर्वी उत्तर प्रदेश झूठी कसमें देवघर

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

पटना में 500 साल पुराना शिव मंदिरपटना में 500 साल पुराना शिव मंदिरपटना के आलमगंज में जमीन धंसने के बाद प्राचीन शिव मंदिर की खोज हुई।
और पढो »

उत्तर प्रदेश में मंदिरों का अनोखा सिलसिला: मुस्लिम बहुल इलाकों में ढूंढे गए शिव मंदिरउत्तर प्रदेश में मंदिरों का अनोखा सिलसिला: मुस्लिम बहुल इलाकों में ढूंढे गए शिव मंदिरउत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों में मंदिरों का मिलना एक अनोखा सिलसिला शुरू हो गया है। हाल ही में संभल में चार दिनों में दो बंद मंदिर खोजे गए हैं, जबकि मुजफ्फरनगर और वाराणसी में भी खंडहर हालत में शिव मंदिर मिले हैं। प्रशासन इन मंदिरों के राजस्व रिकॉर्ड की जांच कर रहा है।
और पढो »

संभल में प्राचीन मंदिर का 46 साल पुराना रहस्यसंभल में प्राचीन मंदिर का 46 साल पुराना रहस्यउत्तर प्रदेश के संभल में मिले प्राचीन हिंदू मंदिरों के बारे में जानें और 1978 के दंगे का उनसे क्या संबंध है।
और पढो »

अलीगढ़ में 70 साल पुराना शिव मंदिर मिला, हिंदू संगठनों ने कब्जा मुक्त करायाअलीगढ़ में 70 साल पुराना शिव मंदिर मिला, हिंदू संगठनों ने कब्जा मुक्त करायाउत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक प्राचीन शिव मंदिर मिला है। यह मंदिर थाना बन्ना देवी क्षेत्र के सराय रहमान इलाके में स्थित है, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है। दावा किया जा रहा है कि ये मंदिर 70 साल से अधिक पुराना है। स्थानीय नागरिकों के मुताबिक पहले इस क्षेत्र में हिंदू परिवारों का निवास था, मंदिर इसी दौरान स्थापित हुआ था। हिंदू परिवारों के मकान बेचकर चले जाने के बाद, मंदिर पर मुस्लिम समुदाय का कब्जा हो गया था। शिव मंदिर की खोज के बाद, हिंदू संगठनों और हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने मिलकर मंदिर को कब्जा मुक्त कराया और वहां विधिवत पूजा-अर्चना की गई।
और पढो »

प्राचीन शिव मंदिर की कार्बन डेटिंग के लिए एएसआई टीम पहुंचेगीप्राचीन शिव मंदिर की कार्बन डेटिंग के लिए एएसआई टीम पहुंचेगीसंभल के खग्गू सराय में प्राचीन शिव मंदिर और उसके परिसर में स्थित कुएं की कार्बन डेटिंग के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम जल्द ही पहुंचेगी।
और पढो »

बेसिक शिक्षा विभाग और शिव नाडर संस्थान के सहयोग से बच्चों को शिक्षाबेसिक शिक्षा विभाग और शिव नाडर संस्थान के सहयोग से बच्चों को शिक्षाउत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग और शिव नाडर संस्थान ने मिलकर कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए शिक्षा प्रदान करने का पहल किया है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-15 14:38:33