प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ के बाद मेले में आने-जाने के रास्ते अलग कर दिए गए हैं। गाड़ियों की एंट्री पर रोक है और मेला क्षेत्र को पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। DGP और मुख्य सचिव मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं।
गाड़ियों की नो-एंट्री, VVIP पास रद्द, DGP-प्रमुख सचिव मेला क्षेत्र निरीक्षण करने पहुंचेप्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ के बाद आज भीड़ कम है। मेले में आने-जाने के रास्ते अलग कर दिए गए हैं। प्रयागराज शहर में गाड़ियों की एंट्री पर रोक है। मेला क्षेत्र को पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। यानी यहां किसी भी गाड़ी की एंट्री नहीं होगी। इसके अलावा, VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। यह नियम 4 फरवरी तक लागू...
इधर, सरकार ने 2019 में कुंभ में तैनात रहे दो अफसरों- IAS आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज बुलाया है, ताकि व्यवस्थाएं और बेहतर की जा सकें। इसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता व पूर्व आइएएस अधिकारी डीके सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं। आयोग एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।संगम तट से ताजा हाल बता रहे भास्कर रिपोर्टर विकास श्रीवास्तवमहाकुंभ में मौनी अमावस्या के महापर्व के अवसर पर 24 घंटे में प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों से रिकॉर्ड 222 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इनमें प्रयागराज जंक्शन से 104, प्रयागराज छिवकी से 23, नैनी से 17, सूबेदारगंज से 13, प्रयाग से...
छानबीन में सामने आया है कि ये भगदड़ एक अकेली गलती नहीं थी। ये बीते दो दिनों से हो रही गलतियों के एक सिलसिले का आखिरी छोर थी, जहां 35-40 लोगों को जान गंवानी पड़ी। साल भर की तैयारी और 7,535 करोड़ खर्च के बाद भी महाकुंभ का इंतजाम सवालों के घेरे में है। ये भगदड़ मेले की जिम्मेदारी संभाल रहे 5 अहम अफसरों की अनदेखी या गलत फैसलों का नतीजा थी।महाकुंभ में बुधवार सुबह भी भगदड़ मची। हालांकि घटना देर रात सामने आई। दरअसल, ओल्ड जीटी रोड की तरफ से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आ रहे थे। इसी बीच...
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