प्रयागराज में शुरू हुआ महाकुंभ

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प्रयागराज में शुरू हुआ महाकुंभ
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महाकुंभ का पहला स्नान आज पौष पूर्णिमा को प्रयागराज में शुरू हो गया है। अनुमान है कि एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आज स्नान करेंगे।

प्रयागराज में आज से महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। आज पौष पूर्णिमा का स्नान है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस दिन स्नान के लिए सुबह 5:27 से लेकर सुबह 6:21 तक का सबसे शुभ माना गया है। वैसे ज्योतिष की माने तो पूर्णिमा तिथि पर दान आप किसी भी समय कर सकते हैं। महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक पर्व है। महाकुंभ का आयोजन हर 12 सालों बाद किया जाता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि महाकुंभ स्नान के पहले दिन एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी संगम में लगाएंगे। बीते कल 12

तारीख (रविवार) को 45 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी और परसों यानि 11 तारीख को तकरीबन साढ़े 33 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। यह दोनों दिन कोई स्नान का दिन नहीं था। फिर भी श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में संगम किनारे आस्था की डुबकी लगाई और पूजा अर्चना किया। आपको बता दूं कि महाकुंभ पर्व का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि आज से 26 फरवरी तक संगम में तकरीबन 45 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। \ आज आम आदमी यानी केवल श्रद्धालु आस्था की डुबकी संगम में लगा रहे हैं जबकि कल 14 फरवरी को मकर संक्रांति स्नान है यानी पहली अमृत स्नान है। अमृत स्नान को पहले शाही स्नान के तौर पर जाना जाता था। लेकिन, साधु संतों की मांग पर शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान कर दिया गया है। संगम के किनारे VVIP के लिए प्रोटोकॉल नहीं अमृत स्नान के दिन सभी 13 अखाड़े के साधु संत संगम में आस्था का डुबकी लगाएंगे और यह चुकी महाकुंभ है साधु संत पिछले 12 सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। इसलिए विशेष पूजन अर्चन भी साधु संतों के तरफ से किया जाएगा। आज का पहला स्नान को देखते हुए संगम आने वाले सभी रास्तों को बिल्कुल सील कर दिया गया है। गाड़ियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि कोई कितना भी बड़ा VVIP हो उसे एक आम आदमी की तरह ही संगम में आस्था की डुबकी लगानी पड़ेगी, संगम के किनारे किसी भी VVIP के लिए प्रोटोकॉल नहीं होगा

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