जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर को बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में अनशन के कारण गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी, लेकिन उन्होंने शर्तों को स्वीकार नहीं किया और जेल में अनशन जारी रखा।
दो जनवरी से बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो सियासी मौसम गरमा गया। जनसुराज पार्टी के नेता और कार्यकर्ता नीतीश सरकार का विरोध करने लगे। पटना पुलिस ने करीब छह घंटे तक सड़कों पर घुमाने के बाद प्रशांत किशोर की पेशी करवाई। पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर पर सरकारी काम में बाधा और बिना अनुमति धरना प्रदर्शन करने का आरोप लगाकर केस किया। कोर्ट ने केस की सुनवाई की। पीके को पीआर बॉन्ड पर जमानत दे दी। लेकिन, प्रशांत किशोर ने
कहा कि किसी भी शर्त पर मुझे बेल नहीं चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि अगर बॉन्ड नहीं भरेंगे तो जेल जाना होगा। कोर्ट में प्रशांत किशोर ने कहा कि धरना प्रदर्शन करना तो हमारा मूल अधिकार है। सामाजिक कारणों के लिए हमलोग ऐसा कर सकते हैं। प्रशांत किशोर ने कोर्ट से कहा कि आप मुझे बेल दे दीजिए लेकिन शर्तों को नहीं मानूंगा। 25 हजार का निजी मुचलका भी नहीं भरूंगा। उन्हें बेउर जेल भेज भी दिया गया। लेकिन, कुछ देर बाद ही उन्हें पुलिस ने कोर्ट का आदेश संशोधित होने पर छोड़ दिया। कोर्ट ने सारी शर्तें हटा लीं। पीके ने कहा- मैं जेल में अनशन पर ही रहूंगा वकीलों के समझाने के बावजूद प्रशांत किशोर नहीं माने और जेल में रहकर ही आमरण अनशन का एलान किया। इस खबर को सुनते ही पीके के समर्थक आक्रोशित हो गए। पीके के समर्थन और नीतीश सरकार के विरोध में नारेबाजी की। कुछ शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ की कोशिश भी की लेकिन पटना पुलिस ने बल प्रयोग कर इन्हें खदेड़ दिया। इसके बाद प्रशांत किशोर जेल जाते वक्त समर्थकों के बीच आए और शांत बनाए रखने की अपील की है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पीके ने कहा कि अगर बिहार में युवाओं और महिलाओं पर लाठी चलाना जायज है और उसके खिलाफ आवाज उठाना जुर्म है तो मैंने जेल जाना स्वीकार करता हूं। अगर गांधी मैदान में अपनी बात रखना गुनाह है, जिस बिहार में गांधी जी ने सत्याग्रह किया, अगर यहां ऐसा करना गुनाह है तो मैं जेल जाना स्वीकार करता हूं। मेरे अनशन कार्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं होगा। पिछले पांच दिन से मैं सिर्फ पानी पर हूं। जब तक नीतीश सरकार इसका रास्ता नहीं निकालेगी तब तक मैं जेल में अनशन पर ही रहूंगा। लेकिन, अब वह कोर्ट के आदेश पर ही रिहा हो गए हैं
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