भारतीय शेयर बाजार में फरवरी महीने में लगभग 70,500 करोड़ रुपये के शेयर बाजार में आने की संभावना है. कई कंपनियों का लॉक-इन पीरियड खत्म होने के कारण शेयरों की बिक्री की संभावना है. ओला इलेक्ट्रिक, स्विगी, फर्स्टक्राई जैसी कंपनियों के शेयरों में बड़ी बिक्री की उम्मीद है.
भारतीय शेयर बाजार इन दिनों गिरावट के दौर से गुजर रहा है. बेंचमार्क इंडेक्स अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से लगभग 9% तक नीचे हैं. ऐसे में खबर आई है कि फरवरी महीने में लगभग 70,500 करोड़ रुपये के शेयर बाजार में आने की संभावना है. मतलब इतनी बड़ी संख्या में शेयर बेचे जा सकते हैं, क्योंकि हाल ही में लिस्ट हुई कई कंपनियों का लॉक-इन पीरियड इसी महीने खत्म हो रहा है. लॉक-इन पीरियड उस समयावधि को कहते हैं, जब कंपनी के प्रमोटर या बड़े निवेशक अपने शेयर बाजार में नहीं बेच सकते.
यह अवधि खत्म होने के बाद उन्हें शेयर बेचने का विकल्प मिल जाता है. इस शेयरों में स्विगी, ओला इलेक्ट्रिक, फर्स्टक्राई जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों का नाम शामिल है. नुवामा की रिपोर्ट के अनुसार, 30 अप्रैल तक लगभग 80 कंपनियों के लॉक-इन पीरियड समाप्त होने के कारण शेयरों की कुल संभावित बिक्री मूल्य 32 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में दो दर्जन से अधिक कंपनियों के लॉक-इन पीरियड समाप्त हो रहे हैं. इनमें स्विगी, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी, टीवीएस सप्लाई चेन, नॉर्दर्न आर्क कैपिटल, फर्स्टक्राई, ओला इलेक्ट्रिक और यूनिकॉमर्स सॉल्यूशंस जैसी कंपनियां शामिल हैं. नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के आधार पर, ओला इलेक्ट्रिक के 1962.2 मिलियन शेयरों का लॉक-इन पीरियड 10 फरवरी को समाप्त होगा, जो सबसे अधिक संख्या में है. इसके बाद फर्स्टक्राई (335.3 मिलियन), SBFC फाइनेंस (225.5 मिलियन), एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (183.3 मिलियन), सैजिलिटी इंडिया (157.6 मिलियन), जूनिपर होटल्स (128 मिलियन), सेइगल इंडिया (108.1 मिलियन) और प्रीमियर एनर्जीज (105.6 मिलियन) जैसी कंपनियों के 100 मिलियन से अधिक शेयरों का लॉक-इन पीरियड खत्म होगा. हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि लॉक-इन पीरियड खत्म होते ही शेयर बेच दिए जाएं. लेकिन शेयरधारकों के पास यह विकल्प जरूर होगा कि वे चाहें तो अपने शेयर बाजार में बेच सकते हैं. ये वो निवेशक होते हैं, जिन्होंने शेयर लिस्ट होने से पहले उसे खरीदा होता है और लिस्टिंग के तुरंत बाद वे बेच नहीं सकते. ऐसे में, जब उनका लॉक-इन पीरियड खत्म होता है, तो कई बार देखा जाता है कि ज्यादा संख्या में शेयर बेचे जाते हैं. इससे प्राइस के नीचे आने की संभावना भी बढ़ जाती है. वैल्यू के हिसाब से देखें तो फर्स्टक्राई के शेयरों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 15,979 करोड़ रुपये की हो सकती है, जबकि ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 14,691 करोड़ रुपये और प्रीमियर एनर्जीज के शेयर 10,752 करोड़ रुपये के हो सकते हैं. इसके अलावा, कॉनकॉर्ड बायोटेक (4,665 करोड़ रुपये), जूनिपर होटल्स (3,747 करोड़ रुपये), सेइगल इंडिया (3,184 करोड़ रुपये), स्विगी (2,827 करोड़ रुपये), एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (2,038 करोड़ रुपये), नॉर्दर्न आर्क कैपिटल (1,971 करोड़ रुपये), एसबीएफसी फाइनेंस (1,913 करोड़ रुपये), टीवीएस सप्लाई चेन (1,271 करोड़ रुपये) और इंटरआर्च बिल्डिंग (1,052 करोड़ रुपये) जैसी कंपनियों के शेयरों की बिक्री की संभावना 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की है
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