पाकिस्तान में कैसे ग़लत इंजेक्शन से तबाह हुई एक ज़िंदगी और 15 साल तक कोमा में रहीं फ़ख़रा अहमद.
"जब मैं सुबह उसके पास गया, तो मैंने उसके चेहरे और आंखों को देखा. मैंने महसूस किया कि वह मेरी ही तरफ देख रही है. जैसे ही मैं उसके क़रीब पहुंचा, मुझे लगा कि वह खुश महसूस कर रही है.''
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश इफ्तिख़ार मुहम्मद चौधरी की अध्यक्षता में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया और घटना की जांच कराई, जिसके मुताबिक़, फ़ख़रा की मौत एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा थी. फ़ख़रा की दो बहनें और एक भाई डॉक्टर हैं. उनके छोटे भाई, डॉक्टर रोशन अहमद याद करते हुए बताते हैं, "मुझे याद है कि जब वह मां बनने के लिए हमारे घर आई थीं, तब मैं शायद 9वीं में था.''
ज़ुबैदा ने फ़खरा के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताने की पूरी कोशिश की. वो कहती हैं, "इस दौरान उनकी माँ और परिवार ने बड़ी क़ीमत चुकाई है.
साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्यकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. इफ्तिख़ार हुसैन क़ुरैशी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया, जिसने रिपोर्ट में लिखा, "इस दुखद घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब एनेस्थीसिया देने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर ने टेस्ट डोज़ देने के बाद अस्पताल छोड़ दिया और एक मिडवाइफ लेवल पैरामेडिक, जिसके पास एनेस्थीसिया देने की विशेषज्ञता नहीं थी, उसने डोज़ दी. डोज़ देने के बाद मरीज़ की हालत बिगड़ने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ घबरा गए और सीपीआर ठीक से नहीं दे पाए.
फ़ख़रा को 23 लाख रुपए का बीमा मिला. उनका परिवार उन्हें लेकर चीन के एक प्रमुख अस्पताल में भी गया. परिवार को उम्मीद थी कि शायद बेहतर तकनीक से उनका इलाज किया जा सके. लेकिन वहां भी परिवार को मायूसी ही हाथ लगी.इसके बाद फ़ख़रा को फिर से मुल्तान के निश्तर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके पिता के अनुसार, ''चूंकि उनका घर अस्पताल से दूर था, इसलिए उन्होंने घर छोड़ दिया और अस्पताल के पास किराए पर दूसरे घर की तलाश की.
वो बताती हैं, ''फ़ख़रा अक्सर मुझसे अपने होने वाले बच्चे के बारे में बात करती थी. कहती थी कि वह उसे सबसे अच्छे स्कूल में दाख़िला दिलाएगी. वो अपने होने वाले बच्चों को एक कामयाब इंसान बनाने के ख़्वाब देखती थी. एक ऐसा आदमी जिस पर हर कोई गर्व कर सकता हो. वह अक्सर कहती थी कि मैं काम करती हूं और नौकरी छोड़ना ठीक नहीं होगा. मुझे नहीं पता कि बच्चे की अच्छे से देखभाल कैसे हो पाएगी.”
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
महंगे रेस्टोरेंट्स में मुफ्त खाना खाने के लिए अजीबोगरीब हरकत करता है गुरुग्राम का ये कपल, पूरी कहानी उड़ा देगी होशकपल ने लापरवाही से अपने धोखेबाज व्यवहार का खुलासा किया और बताया कि कैसे वे दिल्ली और गुरुग्राम के पॉश रेस्तरां में अपने साथ एक मरी हुई मक्खी ले जाते हैं.
और पढो »
खराब AC आउटडोर यूनिट के साथ किया ऐसा जुगाड़ बना दिया बवाल, वीडियो देख लोग बोले- मां मेरी शक्तियों का गलत इस्तेमाल हुआ हैवायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि, जुगाड़ की मदद से कैसे AC की खराब आउटडोर यूनिट को एक बड़े से स्पीकर में तब्दील कर दिया गया है.
और पढो »
रायबरेली: जीत के बाद 11 जून को आएगा पूरा गांधी परिवार, विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन में एक संदेश देने की कोशिशपूरा गांधी परिवार एक बार फिर से रायबरेली आएगा। रायबरेली और अमेठी सीमा पर होने वाले एक कार्यक्रम के माध्यम से दोनों क्षेत्रों की जनता को धन्यवाद दिया जाएगा।
और पढो »
आनंद महिंद्रा ने शुरु की थी प्रतियोगिता, कुत्ते की इस फोटो के लिए यूजर्स से पूछा मज़ेदार कैप्शन, विजेता को दिया यह ईनाममहिंद्रा ने लोहे की बाड़ से झांकते एक कुत्ते की तस्वीर वाली एक पोस्ट साझा की और अपने फॉलोअर्स से फोटो के लिए एक मजेदार और रचनात्मक कैप्शन देने के लिए कहा.
और पढो »
'न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम', अवैध संबंधों में लिपटी डर्टी लव स्टोरी, तीन दिनों से थाने में बैठी है प्रेमिका, जानें पूरी बातExtramarital Affairs News: कहते हैं अवैध संबंधों में हमेशा कई परिवार तबाह होते हैं। स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि लोग एक दूसरे का चेहरा देखना पसंद नहीं करते। पारिवारिक संबंध खराब हो जाते हैं। रिश्तों में दरार आ जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ है मुजफ्फरपुर में, जहां एक शादीशुदा महिला के फैसले से उसकी जिंदगी तो तबाह हुई ही, एक और जिंदगी तबाह हो...
और पढो »
उफनती लहरों में डूब रहा था कुत्ता, तभी जान पर खेलकर बचाई बेजुबां की जान, लोग बोले- इंसानियत अभी जिंदा हैवीडियो में देखा जा सकता है कि, कैसे कुछ लोग मिलकर खुद की जिंदगी को रिस्क पर रख कर एक कुत्ते की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
और पढो »