फाल्गुन अमावस्या 2025: तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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फाल्गुन अमावस्या 2024 तारीख और शुभ मुहूर्त: इस लेख में फाल्गुन अमावस्या 2025 की तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने में अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितर ों की पूजा -अर्चना की जाती है। साथ ही पितर ों का पिंड दान और तर्पण किया जाता है। इससे पितर ों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनकी कृपा से व्यक्ति का जीवन खुशहाल होता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, ध्यान करना बेहद फलदायी साबित होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या (Kab Hai Falgun Amavasya 2025) की डेट शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में। फाल्गुन अमावस्या 2024 डेट और शुभ

मुहूर्त (Falgun Amavasya 2025 Date and Shubh Muhurat) वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या का पर्व 27 फरवरी को मनाया जाएगा। यह भी पढें: Falgun Ekadashi 2025: फाल्गुन माह में कब है विजया और आमलकी एकादशी? अभी नोट करें शुभ मुहूर्त शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 09 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 42 मिनट तक निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से 12 फरवरी रात 12 बजकर 58 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक सूर्योदय और सूर्यास्त का समय सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 20 मिनट पर चंद्रोदय - कोई नहीं चन्द्रास्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट पर फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि (Falgun Amavasya Puja Vidhi) फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान सच्चे मन से पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना करें। दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। फल और मिठाई का भोग लगाएं। विष्णु जी के मंत्रों का जप करें। इसके बाद जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। मंदिर या फिर गरीब लोगों में श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और कपड़े का दान करें। धार्मिक मान्यत है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन दान करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने का विशेष महत्व है। यह भी पढें: Pradosh Vrat 2025 Date: कब है फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है

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