हलवे की परंपरा बजट तैयारियों की गंभीरता और समर्पण को दर्शाती है। बजट तैयारियों के दौरान अधिकारी 9-10 दिनों तक मंत्रालय में रहते हैं और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए फोन और बाहरी संपर्क पर प्रतिबंध होता है। यह परंपरा साल 1950 से चली आ रही है, जो सरकार की गंभीरता को दिखाती है।
बजट तैयार होने से पहले हलवे की परंपरा मिठास का प्रतीक है. यह परंपरा यह दर्शाती है कि बजट का काम पूरी गंभीरता और समर्पण के साथ किया जाएगा. बजट तैयारियों के दौरान अफसर 9-10 दिनों तक मंत्रालय के भीतर ही रहते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बजट की गोपनीयता बनी रहे और कोई जानकारी लीक न हो. बजट तैयारियों के समय अफसरों को फोन और बाहरी संपर्क की अनुमति नहीं होती. इस दौरान वे अपने परिवार और दोस्तों से भी कोई संपर्क नहीं कर पाते.
लेकिन अब इसे सुरक्षा कारणों से मंत्रालय में ही छापा जाता है. मंत्रालय के भीतर अफसर पूरी तरह से समर्पित रहते हैं और बिना किसी रुकावट के दिन-रात बजट तैयार करते हैं. यह प्रक्रिया बेहद मेहनत और सावधानी से की जाती है. हलवा सेरेमनी बजट तैयारियों की शुरुआत का प्रतीक है. यह टीम के सदस्यों के लिए प्रेरणा और उत्साह का प्रतीक भी है. हलवा सेरेमनी पिछले 74 सालों से हर साल बजट से पहले होती आ रही है. यह भारतीय प्रशासनिक परंपरा का हिस्सा बन चुकी है. न्यूज 18 आपके लिए लाया है ‘Gopu’.
BUDGET TRADITION SECRET PREPARATION INDIA
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