बजट में आदिवासियों की अनदेखी, बजटीय आवंटन आबादी के अनुपात में नहीं: आदिवासी अधिकार मंच Budget ModiGovt Tribals Adivasi बजट मोदीसरकार आदिवासी
एक आदिवासी संगठन का कहना है कि वर्तमान बजट में आदिवासी समुदायों का वह ढाई लाख करोड़ रुपये सरकार ने लूट लिया है जो इस समुदाय का उसके पास बकाया था और बजट में सामाजिक सब्सिडी व अन्य खर्चों जैसे भोजन, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, कृषि, उर्वरक आदि में कटौती की गई है.की खबर के मुताबिक, आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि बजट में आदिवासी समुदाय की अनदेखी करते हुए उसके लिए कुल बजट की 8.6 प्रतिशत राशि के बजाय केवल 2.26 प्रतिशत राशि आवंटित की गई है, जो कि उनकी जनसंख्या अनुपात के बराबर नहीं है.
चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि बीते वर्षों में जो राशि बजट में जारी की गई थी, उसका इस्तेमाल नहीं किया गया था. पिछले साल के बजट में आवंटित 7,484 करोड़ रुपये में से 6,126 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने लघु वनोपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए धन आवंटित करने के लंबे-चौड़े दावे किए थे, लेकिन केवल 155 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से सिर्फ 115 करोड़ रुपये खर्च किए गए. ऐसा तब हुआ जब आदिवासी समुदाय को कम कीमत में अपने उत्पाद बेचने पड़े, क्योंकि सरकार वनोपज खरीद नहीं रही थी.
उन्होंने कहा, ‘आदिवासियों में कुपोषण का स्तर सबसे अधिक भयावह है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों में. खाद्य सब्सिडी में कटौती से भुखमरी बढ़ेगी और ऐसा तब होगा जब सरकार के गोदाम जरूरत से ज्यादा, 10 करोड़ टन अनाज से भरे हुए हैं.’मंच का यह भी कहना है कि कृषि और ग्रामीण विकास के आवंटन में कटौती भी आदिवासी समुदाय को बुरी तरह प्रभावित करेगी.
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