इस बार का बजट मध्य वर्ग के करदाताओं के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने के बाद मध्य वर्ग में खुशी की लहर है। बजट में नए आयकर बिल की घोषणा की गई है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार इस बिल को अगले सप्ताह लाएगी, जो वर्तमान में आय पर टैक्स लगाने के तरीके को बदल सकता है। 12 लाख रुपये तक की आय वाले वेतनभोगी करदाताओं को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा। वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी गई है।
इस बार का बजट मध्य वर्ग के करदाताओं के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने के बाद मध्य वर्ग में खुशी की लहर है। इसका सीधा असर यह होगा कि मध्य वर्ग के वेतनभोगियों को पहले के मुकाबले कम टैक्स देना होगा और उनकी जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे। बजट में नए आयकर बिल की घोषणा की गई है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार इस बिल को अगले सप्ताह लाएगी, जो वर्तमान में आय पर टैक्स लगाने के तरीके को बदल सकता है। 12 लाख रुपये तक की आय वाले वेतनभोगी करदाताओं को अब कोई टैक्स नहीं देना...
75 लाख रुपये हो जाएगी। आयकर स्लैब की दरों में भी इसी के अनुसार बदलाव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी गई है। खासतौर पर ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस सीमा को मौजूदा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। कुल मिलाकर, यह बजट आम लोगों के लिए राहत देने वाला है। यह बजट जटिल व्यक्तिगत टैक्सेशन में सुधार करने का एक प्रयास है, जिससे छोटे करदाताओं और कर्मचारियों को लाभ होगा। करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा आने से उनके लिए खर्च करना और बचत करना संभव होगा। मकान मालिकों को राहत, अब...
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बजट में कर राहत की संभावनासरकार 2025-26 के बजट में करदाताओं को राहत देने के लिए कर छूट सीमा और कर दरों में संभावित कमी पर विचार कर रही है।
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बजट में मध्य वर्ग के लिए राहत, टैक्स छूट बढ़ाई गईइस बार का बजट मध्य वर्ग के करदाताओं के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने के बाद मध्य वर्ग में खुशी की लहर है। इसका सीधा असर यह होगा कि मध्य वर्ग के वेतनभोगियों को पहले के मुकाबले कम टैक्स देना होगा और उनकी जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे। बजट में नए आयकर बिल की घोषणा की गई है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार इस बिल को अगले सप्ताह लाएगी, जो वर्तमान में आय पर टैक्स लगाने के तरीके को बदल सकता है। 12 लाख रुपये तक की आय वाले वेतनभोगी करदाताओं को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा, जो 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण 12.75 लाख रुपये हो जाएगी। आयकर स्लैब की दरों में भी इसी के अनुसार बदलाव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी गई है। खासतौर पर ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस सीमा को मौजूदा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। कुल मिलाकर, यह बजट आम लोगों के लिए राहत देने वाला है। यह बजट जटिल व्यक्तिगत टैक्सेशन में सुधार करने का एक प्रयास है, जिससे छोटे करदाताओं और कर्मचारियों को लाभ होगा। करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा आने से उनके लिए खर्च करना और बचत करना संभव होगा। मकान मालिकों को राहत, अब दो घरों पर छूट बजट में मकान मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। खुद के इस्तेमाल वाले घरों पर टैक्स छूट के नियमों में बदलाव किया गया है। खासतौर पर जिनके पास दो मकान हैं। अब करदाता दो घरों को सेल्फ-ऑक्यूपाइड दिखाकर टैक्स छूट का लाभ ले सकेंगे, जबकि पहले यह सुविधा सिर्फ एक घर के लिए थी। अब ऐसे मकान मालिक संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य के रूप में दावा कर सकते हैं। सरकार के इस कदम से होम ओनरशिप को बढ़ावा मिलेगा और रियल एस्टेट निवेश को भी मजबूती मिलेगी।
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उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने के लिए बजट में कई बड़े ऐलानकेंद्रीय बजट 2025 में उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं, जिसमें आयकर में छूट, अप्रत्यक्ष करों में कमी और सरकारी निवेश पर जोर शामिल हैं।
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भारत सरकार बजट में कर राहत की घोषणा कर सकती हैभारत सरकार वित्तीय वर्ष 2026 के बजट में कर में राहत प्रदान कर सकती है ताकि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। कम आर्थिक वृद्धि दर को दूर करने के लिए मध्यम वर्ग के लिए कर में राहत, उद्योगों को बाहरी चुनौतियों से बचाने के लिए कर में ढील और रोजगार सृजन और निजी निवेश को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर विचार किया जा रहा है।
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