बड़ी खबर: राजस्थान हाईकोर्ट का सख्त कदम, पंच और सरपंच को दी बाल विवाह रोकने की ज़िम्मेदारी

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बड़ी खबर: राजस्थान हाईकोर्ट का सख्त कदम, पंच और सरपंच को दी बाल विवाह रोकने की ज़िम्मेदारी
जयपुर न्यूजराजस्थान में बाल विवाहअक्षय तृतीया
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Child Marriage in Rajasthan: अब से राजस्थान में बाल विवाह को रोकने की सरपंच और पंच की भी जिम्मेदारी होगी. राजस्थान में आज भी बाल विवाह की प्रथा जारी है. ख़ास तौर पर ग्रामीण इलाको में आज भी बच्चों का बाल विवाह कर दिया जाता है. 10 माई यानी आज प्रदेश में अक्षय तृतीया का अबूझ सावा है.

बाल विवाह को रोकने की सरपंच और पंच की भी जिम्मेदारी होगी. राजस्थान में आज भी बाल विवाह की प्रथा जारी है. ख़ास तौर पर ग्रामीण इलाको में आज भी बच्चों का बाल विवाह कर दिया जाता है. 10 माई यानी आज प्रदेश में अक्षय तृतीया का अबूझ सावा है. ऐसे में हाईकोर्ट ने बाल विवाह रोकने से जुड़ी जनहित याचिका पर आदेश देते हुए सरपंच और पंच की भी जिम्मेदारी तय की है.

बाल विवाह को रोकने की सरपंच और पंच की भी जिम्मेदारी होगी. राजस्थान में आज भी बाल विवाह की प्रथा जारी है. ख़ास तौर पर ग्रामीण इलाको में आज भी बच्चों का बाल विवाह कर दिया जाता है. 10 माई यानी आज प्रदेश में अक्षय तृतीया का अबूझ सावा है. ऐसे में हाईकोर्ट ने बाल विवाह रोकने से जुड़ी जनहित याचिका पर आदेश देते हुए सरपंच और पंच की भी जिम्मेदारी तय की है.

जस्टिस पंकज भंडारी और शुभा मेहता की खंडपीठ ने कहा है कि राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 और बाल विवाह निषेध कानून 2006 के तहत बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी पंच और सरपंच की भी तय की गई है. ऐसे में अगर बाल विवाह होते हैं. इसके लिए सरपंच और पंच भी जिम्मेदार होंगे. हाईकोर्ट ने यह आदेश बचपन बचाओ आंदोलन व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

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