बसंत पंचमी का त्योहार, भारतवर्ष में बसंत ऋतु के आरंभ का स्वागत करते हुए, प्रकृति और आध्यात्मिकता का एक मेल है। यह उत्सव हमें प्रकृति की कृपा के लिए आभार व्यक्त करने और ऋषि पंचमी के रूप में सप्त ऋषियों की पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। महिलाओं के लिए व्रत और ज्ञान, कला की देवी माँ सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। बसंत पंचमी के दौरान मंत्रों का जाप, भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग, मन को शांति और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का वादा करता है।
कितनी सुंदर बात है की, हमारे हिन्दू त्योहार हमारी प्रकृति से जुड़े है । प्रकृति जो हमे जीवन देती है, हमें जीना सिखाती है उसीके बदलाव का स्वागत हम प्रफुल्लता से करते है। बसंत पंचमी का त्योहार उसी का एक उदाहरण है। जब भारतवर्ष में बसंत ऋतु का आरंभ होता है तब उसके स्वागत हेतु बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। हमारे साहित्य मे बसंत ऋतु पर बहुत सारी कथाएं-कविता लिखी गई है। प्रकृति की इस बदलाव की सुंदरता का श्रेय हमें प्रकृति की निर्माता को ही देना चाहिए और उन्हे धन्यवाद देना चाहिए इस सुदर्शन बदलाव के...
पहलू जप और मंत्रों की शक्ति का अनुभव करना है। मंत्रों का जाप हमारे भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। मानस ग्रन्थ के अनुसार मंत्रों के उच्चारण से हमारे मन को शांति प्राप्त होती है और हमारे भीतर एक अद्भुत ऊर्जा की निर्मिती होती है। जिस वजह से हमारे जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन आने लगते है। जब हम श्रद्धा और एकाग्रता से मंत्रों का जाप करते है, तो उसका प्रभाव हमारे भीतर बहुत शक्तिशाली होता है।बसंत पंचमी के दौरान, मंत्रों का जाप एक विशेष महत्व रखता है इसीलिए उत्सव के माहौल में हमे सामूहिक रूप से...
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