बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद उनकी सरकार गिर गई थी। हसीना के ढाका छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार है। हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। चुनाव में देरी से बीएनपी चिंतित है और मोहम्मद यूनुस से देश के मामलों को संभालने का आग्रह कर रही है।
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। पिछले साल शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद उनकी सरकार गिर गई थी। हसीना के ढाका छोड़ने के बाद बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार है। हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। ये स्वाभाविक था क्योंकि बीएनपी और हसीना की अवामी लीग कई दशक से पाकिस्तान में एक-दूसरे की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। दिलचस्प बात ये है कि बीते कुछ समय में अवामी लीग और बीएनपी कई मुद्दों पर एक रास्ता
अख्तियार कर रही है। मोहम्मद यूनुस की हीलाहवाली इन दो राजनीतिक दुश्मनों को करीब लाने में मदद कर रही है।द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में चुनाव में देरी बीएनपी और अवामी लीग जैसी धुरविरोधी पार्टियों को एकजुट कर रही है। ढाका में हिंसा और मुजीबुर्रहमान के घर को तोड़ने की घटनाओं पर भी बीएनपी और अवामी लीग की प्रतिक्रिया में समानता देखी गई है। कई ऐसे समान मुद्दे हैं, जिन पर शेख हसीना की अवामी लीग और खालिदा जिया की बीएनपी मुहम्मद यूनुस को घेर रही हैं।\ अवामी लीग यूनुस सरकार के इस्तीफे, हसीना पर लगे मुकदमों को वापस लेने और नए चुनावों की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ बीएनपी भी रैलियां कर रही है। उनकी मांगे महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था और चुनाव के लिए हैं। हसीना के मुकदमे और यूनुस से सीधे इस्तीफा के अलावा ज्यादातर मांगें एक-दूसरे से मिलती हैं। अवामी लीग 10 फरवरी को देशभर में विरोध मार्च और रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है। बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने बताया है कि उनकी पार्टी 11 फरवरी से शुरू होकर रमजान से पहले हर जिले में रैलियां करेगी। बीएनपी ने हाल ही में शेख मुजीब के घर को गिराए जाने पर सीधे मोहम्मद यूनुस सरकार पर सवाल उठाए। बीएनपी ने यूनुस सरकार से देश के मामलों को संभालने का आग्रह करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अराजकता फैल जाएगी। बीएनपी ने इसे लोकतंत्र और चुनाव से भागने की एक कोशिश भी कहा है। बीएनपी ने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं से अवामी लीग से बदला ना लेने की भी अपील की है।\ चुनाव में देरी से बीएनपी चिंतित है। मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अगले चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है। उन्होंने संकेत दिया है कि चुनाव 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में हो सकते हैं, लेकिन कोई तारीख वो नहीं बता पा रहे हैं। इस देरी से बीएनपी चिंतित है, उन्हें लगता है कि चुनाव में देरी उनकी जीत की संभावना को कम कर सकती है। ऐसे में बीएनपी बार बार यूनुस को इस मुद्दे पर घेर रही है। बांग्लादेशी राजनीतिक पत्रकार शाहिदुल हसन खोकोन ने द प्रिंट से कहा कि यूनुस सत्ता छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। बीएनपी को लगता है कि अगर जल्दी चुनाव होगा तो वो जीत जाएंगे। हसन कहते हैं, 'चुनाव पर अनिश्चितकालीन देरी ने बीएनपी और अवामी लीग के बीच दुश्मनी को कम कर दिया है। दोनों को ही चुनावी लोकतंत्र की वापसी के लिए एक आम बाधा यानी मोहम्मद यूनुस का सामना करना पड़ रहा है।'
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