बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की भारत सरकार से मांग की है। बांग्लादेश के पूर्व उच्चायुक्त महेश सचदेवा ने बताया कि भारत में अदालत जाने पर प्रत्यर्पण रुक सकता है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की भारत सरकार से मांग की है। बांग्लादेश के पूर्व उच्चायुक्त महेश सचदेवा ने बताया कि बांग्लादेश सरकार की अपील के बावजूद शेख हसीना का प्रत्यर्पण रुक सकता है। इसके लिए शेख हसीना को सिर्फ़ अदालत में अपील करनी होगी। सचदेवा ने एएनआई को बताया कि कई यूरोपीय देशों ने प्रत्यर्पण अनुरोध को विभिन्न शर्तों के आधार पर खारिज कर दिया है। उसी तरह अगर शेख हसीना अदालत का रुख करती हैं तो भारत विभिन्न कारणों का हवाला देकर प्रत्यर्पण से इनकार
कर सकता है। भारत इन कारणों का आधार पर प्रत्यर्पण टाल सकता है। भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि है और इसी संधि के आधार पर बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना को उन्हें सौंपने की मांग कर रही है। सचदेवा ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि में कई शर्तें हैं जो राजनीतिक मुद्दों के मामले में प्रत्यर्पण को खारिज करती हैं। इसलिए ये शर्तें मौजूद हैं और इन शर्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रत्यर्पण अनुरोध के खिलाफ अदालत जा सकती हैं और कह सकती हैं कि उनके साथ गलत व्यवहार किए जाने की संभावना है। भारत ये भी कह सकता है कि हमें यकीन नहीं है कि उनके साथ न्याय प्रणाली द्वारा उचित व्यवहार किया जाएगा या नहीं। सचदेवा ने कहा कि यूरोप से भारत में आतंकवादियों के प्रत्यर्पण की मांग की गई थी, लेकिन प्रत्यर्पण को इसलिए रोक दिया गया क्योंकि भारतीय न्यायिक प्रणाली और भारतीय जेलों को यूरोप के मानकों के अनुरूप नहीं माना गया था। भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या ने भी अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ भी इन तर्कों का ही इस्तेमाल किया है। भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि पर 2013 में हस्ताक्षर किए गए थे और 2016 में इसमें संशोधन किया गया था। इस प्रत्यर्पण संधि का उद्देश्य दोनों देशों की साझा सीमाओं पर उग्रवाद और आतंकवाद के मुद्दे से निपटना था। हालांकि, भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि में प्रत्यर्पण से इनकार की शर्त भी है, जिसके अनुसार, अगर अपराध राजनीतिक प्रकृति का है, तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है
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