बांग्लादेश में चीन और पाकिस्तान इस्लामिक जिहादियों के साथ गठबंधन बना रहे हैं. अमेरिका की आर्थिक मदद बंद होने के बाद बांग्लादेश चीन की ओर झुक गया है. भारत को इस गठबंधन से चिंता हो रही है.
बांग्लादेश में चीन और पाकिस्तान मिलकर इस्लामिक जिहादियों के साथ काम कर रहे हैं. हाल ही में चीन ने इन नेताओं के साथ एक कार्यक्रम भी किया है. उधर, अमेरिका की आर्थिक मदद बंद होने के बाद बांग्लादेश चीन की ओर झुकता नजर आ रहा है. पाकिस्तान पहले से ही इस फिराक में है कि बांग्लादेश किसी तरह उसकी गोद में आकर बैठ जाए. ऐसे में भारत के लिए चिंता होना स्वाभाविक है. शेख हसीना का तख्तापलट हुआ तो अमेरिका के इशारे पर बांग्लादेश की आर्मी मुहम्मद यूनुस के पीछे खड़ी नजर आई.
लेकिन अब उसके लिए ही मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. क्योंकि चीन बांग्लादेश के उन इस्लामिक जिहादियों को पालने पोसने में जुट गया है, जिसे आर्मी पसंद नहीं करती. चीन का भरोसा चीन ने बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामिक नेताओं के साथ एक बैठक की है और हर तरह की मदद करने का भरोसा दिया है. बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के अमीर शफीकुर रहमान ने कहा, चीन दुनिया के शक्तिशाली देशों में से एक है. वह साइंस और टेक्नोलॉजी में अग्रणी है. हमें चीन से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. शफीकुर रहमान का यह बयान उस वक्त आया, जब एक स्कूल में गरीबों को गर्म कपड़े बांटे जा रहे थे. इस कैंप में चीन के राजदूत याओवेन भी शामिल हुए. पहले ऐसा नहीं होता था एक्सपर्ट के मुताबिक, आमतौर पर चीन के डिप्लोमेट अब तक ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते थे, लेकिन बीते कुछ दिनों में उनकी सक्रियता बढ़ी है. जमात ने चीनी अधिकारियों से बांग्लादेश में चीनी भाषा मंदारिन सिखाने वाले एक कॉलेज की स्थापना करने का आग्रह भी किया है, ताकि बांग्लादेश की अगली पीढ़ी चीनी भाषा सीखकर चीन के लोगों से संपर्क बढ़ा सके. यह बांग्लादेश पर सांस्कृतिक रूप से कब्जा करने की बात नजर आती है. शफीकुर रहमान ने चीनी राजदूत और उनके सहयोगी का उदारता के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, “आज शुरू हुई सहयोग की यात्रा आने वाले दिनों में और मजबूत होगी.
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