बांग्लादेश में हालात बेहद गंभीर हैं। शेख हसीना के पद से हटने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख बने। लेकिन अल्पसंख्यकों, खासकर हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है। अब बांग्लादेश के अंदर से ही मोहम्मद यूनुस के पद से हटने की मांग उठने लगी है, जो प्रमुख राजनीतिक पार्टी BNP के नेताओं द्वारा की जा रही है।
बांग्लादेश में हालात बेहद गंभीर हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख बने। उन्होंने बांग्लादेश में सुधार और देश को पटरी पर लाने का वादा किया था। लेकिन उनके कार्यकाल में अल्पसंख्यकों, खासकर हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार थमा नहीं है। इसके विपरीत, यह हिंसा और बढ़ती जा रही है। अब बांग्लादेश के अंदर से ही मोहम्मद यूनुस के पद से हटने की मांग उठने लगी है। यह डिमांड किसी और ने नहीं, बल्कि प्रमुख राजनीतिक पार्टी BNP के एक
दिग्गज नेता ने उठाई है। उन्होंने सीधे और स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अंतरिम सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह निष्पक्ष होकर काम करे और अपने दायित्वों को निभाए, लेकिन वह कुछ मुद्दों पर निष्पक्षता को बनाए रखने में विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग सुधार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इलेक्शन कराने की बात कर रहे हैं, ऐसे में क्या हमें चुनाव के लिए 5 सालों का इंतजार करना चाहिए? BNP के महासचिव फखरुल इस्लाम ने इशारों में ही मोहम्मद यूनुस को पद से हटाने की बात भी कह डाली। उन्होंने कहा कि यदि अंतरिम सरकार निष्पक्ष नहीं रह सकती है तो चुनावों के दौरान एक निष्पक्ष सरकार का सत्ता में होना जरूरी है। फखरुल इस्लाम ने कहा, ‘मैंने कल (बुधवार) एक इंटरव्यू में कहा था कि यदि अंतरिम सरकार निष्पक्ष नहीं रह सकती है, तो चुनाव के दौरान एक तटस्थ सरकार की आवश्यकता होगी. इस बयान को देने का एक कारण है. हम देख रहे हैं कि अंतरिम सरकार कई मुद्दों पर निष्पक्षता बनाए रखने में असमर्थ है.’ उन्होंने अंतरिम सरकार से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का बिना भेद-भाव के निभाने की अपील की है। उन्होंने अंतरिम सरकार से देश की समस्याओं से निपटने के लिए निष्पक्ष तरीके से काम करने का भी आग्रह किया है। बीएनपी के राष्ट्रीय महासचिव फखरुल इस्लाम ने मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता वाली अंतरिम सरकार से जरूरी सुधार करते हुए देश में चुनाव की व्यवस्था कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चुनाव के माध्यम से बनने वाली सरकार लोगों से किए गए कमिटमेंट को पूरा करने में सक्षम होगी और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करेगी। बीएनपी नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी केवल सत्ता में आने के लिए चुनाव नहीं कराना चाहती है, बल्कि उन्हें डर है कि अगर चुनाव में अनावश्यक देरी हुई तो बुरी ताकतें हालात का का फायदा उठा सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दल चुनाव कराने की आवश्यकता पर सहमत हैं, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रणाली का प्रवेश द्वार है। ‘क्या हम 4-5 साल इंतजार करें?’ फखरुल इस्लाम ने आगे कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार को बांग्लादेश में सुधार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही चुनाव कराना चाहिए। बीएनएपी ने इसपर सीधा सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या हमें चार से पांच साल तक इंतजार करना चाहिए? फखरुल ने कहा कि चुनाव में देर होने पर लोग एक बार फिर से लंबे समय के लिए मतदान के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। बता दें कि शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के बाद से ही बांग्लादेश में उथल-पुथल मची हुई है। अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार किया जा रहा है। उनकी संपत्तियां लूटी जा रही हैं। दूसरी तरफ, पाकिस्तान लगातार बांग्लादेश में पैठ बनाने की कोशिशों में जुटा है
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