बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ रहे हैं। शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से ये हमले और भी तेजी से बढ़ गए हैं। विशेषकर जमात-ए-इस्लामी नामक कट्टरपंथी संगठन हिंदुओं पर हमले कर रहा है। इसके अलावा, इस संगठन को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है, और वे बांग्लादेश में भारत के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
मुस्लिम कट्टरपंथियों से नजदीकी बढ़ा रहा चीन, खिलाफत लीडर मांग रहे इस्लामिक स्टेट‘अब घर से बाहर निकलने से डर लगता है। मेरी नाइट ड्यूटी रहती है। मैंने कई बार कहा कि मेरी दिन की शिफ्ट कर दो। मैं बाहर रहती हूं तो बच्चों की फिक्र होती है। डर लगता है जमात के लोग न घुस आएं। मेरे बच्चों पर हमला न कर दें। सरकार भी हमारी कोई मदद नहीं कर ररेशमा से हमारी मुलाकात बांग्लादेश में कवरेज के दौरान हुई थी। वे चटगांव के मेथोरपट्टी में रहती हैं। हिंदू आबादी वाली इस बस्ती पर 26 नवंबर को भीड़ ने हमला कर दिया था। घर जला...
‘अगर आप कह रहे हैं कि किसी हिंदू महिला ने कहा वो जमात से डरती है, तो मुझे लगता है जमात के बारे में उसने कहीं से सुना है। उसका अपना अनुभव नहीं होगा। जमात ने तो हिंदुओं की रक्षा की है। भारत में हालात खराब होते हैं, तब हम यहां हिंदुओं की सुरक्षा के लिए वॉलंटियर भेजते हैं। जिनके घर पर हमला हुआ है, वे अवामी लीग से जुड़े हैं।'
खिलाफत मजलिस ने 2022 में BJP नेता नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। दैनिक भास्कर ने संगठन के जनरल सेक्रेटरी अहमद अब्दुल कादिर से बात की। वे कहते हैं, 'बांग्लादेश में हिंदू-मुस्लिम विवाद नहीं है। ये तनाव अवामी लीग और लोगों के बीच है। हो सकता है कि 5 अगस्त के बाद कुछ हिंदू प्रभावित हुए हों, लेकिन इसकी वजह उनका अवामी लीग से जुड़ाव है। भारत को यह समझना चाहिए।’
इसी साल हिज्ब-उत-तहरीर ने ढाका में ISIS के झंडे के साथ मार्च निकाला था। इसमें कॉलेजों के स्टूडेंट भी शामिल थे। यह इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन है, जिसका मकसद बांग्लादेश में खिलाफत की स्थापना है। संगठन: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी पार्टी लीडर इंडियन प्रोडक्ट जला रहे, एंटी इंडिया कैंपेन में शामिल दैनिक भास्कर ने BNP के स्टैंडिंग कमेटी के सीनियर मेंबर और पूर्व मंत्री आमिर खुसरो से बात की। वे कहते हैं, 'भारत के कुछ नेता, मीडिया और सिविल सर्विस के अफसर बांग्लादेश में हिंदुओं का मुद्दा भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को नुकसान पहुंच रहा है।’
महिंद्र कुमार नाथ आगे कहते हैं, ‘धर्म और राजनीति को अलग करना होगा। किसी एक धर्म को स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलना चाहिए। 5 अगस्त के बाद जमात-ए-इस्लामी और दूसरे इस्लामी ग्रुप एक्टिव हो गए हैं। उन्हें अपनी पॉलिटिक्स करने का हक है, लेकिन वो इंसानियत के आधार पर होनी चाहिए।’
Bangladesh Hindus Violence Jamaat-E-Islami Pakistan
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