जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा विधानसभा क्षेत्र में 1 अक्टूबर को होने वाले आम चुनावों में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के पूर्व जिला अध्यक्ष हाफिज सिकंदर मलिक मैदान में हैं। मालिक जमानत पर हैं और वोटरों को अपने चुनावी वादे बांट रहे हैं।
जम्मू- कश्मीर के बांदीपोरा में पैदल घूम रहा एक शख्स आते-जाते लोगों को अपने चुनाव ी वादों के पर्चे बांट रहा है। नाम है हाफिज सिकंदर मलिक । हाफिज प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट रहे हैं। अभी जमानत पर हैं। निर्दलीय चुनाव मैदान मेंतीन तरफ पहाड़ और चौथी तरफ वुलर झील से घिरे बांदीपोरा में 1 अक्टूबर को वोटिंग है। यहां की चुनाव ी लड़ाई दो किरदारों की वजह से खास है। एक तो हाफिज सिकंदर मलिक हैं, दूसरे हैं उस्मान...
अब तक सरकार की तरफ से मुझसे कुछ नहीं कहा गया है। ये डिवाइस कब हटेगी, ये भी नहीं पता। एक बार मैं सरकारी अफसरों के पास गया था। उनसे कहा कि इसकी वजह से पैर में दर्द हो रहा है। इसे दूसरे पैर में डलवा दीजिए। वे तो मुझ पर बरस पड़े। अब ऐसे में क्या करें। पाकिस्तान कश्मीरी बच्चों को खुदकुशी के लिए तैयार कर रहा था। वहां लोग हमसे कहते थे- जाओ और हमारी भलाई की जंग लड़ो। हमें समझ आ गया कि ये हमारी आजादी के लिए नहीं, अपने फायदों के लिए लड़ रहे हैं। पाकिस्तान भारत को रोकने के लिए हमारा इस्तेमाल कर रहा था।
इख्वान की वजह से 1990 में पूरी तरह कोलैप्स कर चुका सिस्टम वापस आया। इख्वान जैसे संगठन की वजह से सिस्टम पटरी पर आया। जंग इतनी भीषण हो चुकी होती कि यहां कोई घर नहीं बचता। हालात अफगानिस्तान जैसे हो जाते और बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। लड़कियां सड़कों पर नहीं चल पातीं। उस वक्त लोगों और राज्य में भरोसे की कमी थी। 1987 में भी चुनाव में हुई धांधली के बाद लोगों का भरोसा उठा था। अगर उस वक्त हमारी पॉलिसी ठीक होती, तो पाकिस्तान को इतना समर्थन नहीं मिलता।कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाया गया, तब मैं कांग्रेस में था। मैंने मैडम सोनिया गांधी को लेटर लिखा। हम एक तरफ BJP पर आरोप लगा रहे थे, लेकिन लोग कह रहे थे कि इसका दरवाजा तो कांग्रेस ने ही खोला। मैंने कांग्रेस में दूसरा सवाल पूछा कि अगर आपकी सरकार वापस आती है, तो क्या आर्टिकल 370 को लेटर और स्पिरिट में वापस किया जाएगा? इस...
‘इस बात को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि केंद्र सरकार और एलजी की हुकूमत में यहां काम नहीं हुआ। हम अपने मसले शायद एलजी तक सीधे नहीं ले जा सकते, जितना आसानी से लोकल MLA तक पहुंचा सकते हैं।’ ...................................
चुनाव बांदीपोरा हाफिज सिकंदर मलिक जमात-ए-इस्लामी कश्मीर
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लड़ सकता है प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामीजमात-ए-इस्लामी के केंद्रीय समिति के सदस्य और पूर्व महासचिव गुलाम कादिर लोन ने एनडीटीवी से कहा, 'हमने ऐसा कुछ नहीं किया जो कानून के खिलाफ हो और हमने हमेशा भारतीय संविधान के दायरे में रहकर अपनी गतिविधियां संचालित की हैं.
और पढो »
जम्मू-कश्मीर जमात-ए-इस्लामी ने आधिकारिक तौर पर किया निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थनजम्मू-कश्मीर जमात-ए-इस्लामी ने आधिकारिक तौर पर किया निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन
और पढो »
J&K चुनाव : मतदान से 3 दिन पहले इंजीनियर राशिद और जमात-ए-इस्लामी आए साथ, जानें क्यों हुई सांठगांठजम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों (Jammu-Kashmir Assembly Elections) को लेकर अवामी इत्तेहाद पार्टी (Awami Ittehad Party) और जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) रणनीतिक गठबंधन में एक साथ आए हैं.
और पढो »
Interview: 'हिजबुल से कोई संबंध नहीं, हम हथियार नहीं, किताबें साथ रखते हैं', जमात-ए-इस्लामी प्रत्याशी का दावागैरकानूनी संगठन जमात ए इस्लामी के नेता 37 वर्ष बाद कश्मीर में चुनाव लड़ रहे हैं। जमात का चुनाव चिह्न नहीं है इसलिए सभी बतौर निर्दलीय मैदान में हैं। इन नेताओं में सायार अहमद रेशी भी हैं
और पढो »
गांदरबल के रण में 'फ्रीडम चाचा' की एंट्री! उमर अब्दुल्ला को टक्कर देगा जेल में बंद जमात-ए-इस्लामी का नेता बरकतीजम्मू कश्मीर Jammu Kashmir Election 2024 की प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के नेता सरजन बरकती उर्फ आजादी चाचा ने शोपियां से नामांकन रद्द होने के बावजूद चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अब वह गांदरबल से नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को चुनौती देंगे। गांदरबल में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के प्रति सहानुभूति रखने वाला मतदाता बरकती के पक्ष में जा...
और पढो »
JK Elections Phase 1: कहां होगी 'मेगा फाइट'? पहले चरण की चार सीटों पर मुकाबला हुआ खास, इल्तिजा-शगुन ने बढ़ाया पाराजम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव JK Elections 2024 candidate List के लिए पहले चरण का मंच सज चुका है। बीजेपी कांग्रेस-नेकां पीडीपी सहित अवामी इत्तेहाद पार्टी व जमात-ए-इस्लामी सहित कई उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। पहले चरण में 24 विधानसभा सीटों पर कुल 219 प्रत्याशी मैदान में हैं। पहले चरण में चार सीटें ऐसी हैं जहां मुकाबला जबरदस्त रहने वाला...
और पढो »