Sati Maharani Mandir: वैसे तो यूपी के अमेठी जिले में कई प्राचीन मंदिर हैं. इन सभी मंदिरों की अलग-अलग मान्यता है. ऐसे में अमेठी का सती महारानी मंदिर ऐसा है जहां पति की मृत्यु के बाद जब उनकी चिता नहीं जली तो महारानी खुद उनकी चिता पर जलकर सती हो गई थी. जानें इस मंदिर की मान्यता...
अमेठी के रामनगर स्थित सती महारानी मंदिर की मान्यता बेहद खास है. यह मंदिर राज परिवार ने स्थापित करवाया था. इस मंदिर में सुहागिन महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. वह अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिए करती हैं, साथ ही यहां दुरदुरिया का आयोजन किया जाता है. मंदिर की स्थापना राज परिवार द्वारा कराया गया था. कहते हैं कि कोई भी समस्या हो और इस मंदिर में पहुंचकर सच्चे मन से मान्यता मांग ली जाए तो मान्यता पूरी होती है.
इसके बाद उनकी पत्नी ने उन्हें अपनी गोद में लेकर चिता में बैठ गई, जिसके बाद उसी चिता में अपने पति के साथ महारानी सती हो गई. तब से यह जगह सती महरानी के नाम से विख्यात है. आज भी यहां सुहागिन महिलाएं पूजा पाठ करने आती हैं. मंदिर में प्राचीन समय की सुंदर नक्काशी की गई है, जिसको लोग अपने कैमरे में कैद करने के लिए बेताब रहते हैं. श्वेत पत्थरों पर दर्ज यहां की कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं. जिसको जानने और उसका अध्ययन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.
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