ब्लैक मून: 31 दिसंबर को देखने को मिलेगा असाधारण खगोलीय नजारा

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ब्लैक मून: 31 दिसंबर को देखने को मिलेगा असाधारण खगोलीय नजारा
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30 दिसंबर को अमेरिका के पूर्वी समयानुसार शाम 5.27 बजे ब्लैक मून होगा। भारत में यह समय के अंतर के चलते 31 दिसंबर को सुबह 3.57 बजे देखा जा सकता है।

वॉशिंगटन: अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को साल 2024 खत्म होने से ठीक पहले आकाश में अनोखा खगोलीय नजारा दिखने जा रहा है। इसे ब्लैक मून के नाम से जाना जाता है। ब्लैक मून उस खगोलीय घटना को कहते हैं, जब एक ही कैलेंडर महीने में दो बार अमावस्या होती है, जो बहुत ही दुर्लभ है। यह हर साल नहीं होता है। खगोलविद और तारों में दिलचस्पी रखने वाले इस घटना का बेसब्री से इंतजार करते हैं। भारत और दुनिया के हिस्सों में यह कब होगा, ये जानने से पहले आइए जानते हैं कि ब्लैक मून क्यों होता है।कब होता है ब्लैक

मून?अमावस्या तब होती है जब सूर्य और चंद्रमा आकाश में एक सीध में आ जाते हैं, जिससे चंद्रमा का चमकीला भाग पृथ्वी से दूर हो जाता है। इसकी वजह से चंद्रमा हमें दिखाई नहीं देता है। चंद्र चक्र लगभग 29.5 दिनों का होता है, इसलिए कभी-कभी एक महीने में दो अमवस्याएं हो जाती हैं। जब ऐसा होता है तो इसे ब्लैक मून कहा जाता है। यह ब्लू मून की तरह है, जो महीने में दो पूर्ण चंद्रमा के होने को कहा जाता है।कैसा दिखाई देता है?यहां ध्यान रखना जरूरी है कि अमावस्या के दौरान हम चंद्रमा को तब तक नहीं देख सकते हैं, जब तक कि सूर्यग्रहण न हो। इसका मतलब है कि आप ब्लैक मून को देख नहीं पाएंगे, लेकिन रात के अधिक अंधेरी होने की वजह से इसका अनुभव कर सकते हैं। यह अंधेरा आपको सितारों, ग्रहों और यहां तक कि दूर की आकाशगंगाओं को अधिक स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है। सुनीता विलियम्स की वापसी में फिर हुई देरी, नासा ने बताया अब कब पृथ्वी पर लौटेंगीभारत में कब नजर आएगा ब्लैक मून?अमेरिकी नेवी ऑब्जर्वेटरी के अनसार, यह दुर्लभ नजारा अमेरिका के पूर्वी समयानुसार 30 दिसम्बर को शाम 5.27 बजे घटित होगा। हालांकि, अमेरिका में लोग इसे 30 दिसम्बर को देखेंगे, लेकिन भारत में रहने वाले लोगों के लिए यह समय के अंतर के चलते 31 दिसम्बर को सुबह 3.57 बजे देखा जा सकता है।ब्लैक मून क्यों है अहम?ब्लैक मून बहुत ही दुर्लभ है और यह साल नहीं होता है। पिछली बार ब्लैक मून अगस्त 2022 में हुआ था, और अगली बार मई 2026 में होगा। दूसरी अमावस्याओं की तरह इसे भी नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन चंद्रमा का न दिखाई देना खगोलविदों और आसमान के शौकीनों के लिए दिलचस्प घटना है

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