भारत माता मंदिर: जानिए वाराणसी और हरिद्वार में स्थित उन अद्भुत मंदिरों के बारे में जहां की जाती है भारत माता की पूजा

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भारत माता मंदिर: जानिए वाराणसी और हरिद्वार में स्थित उन अद्भुत मंदिरों के बारे में जहां की जाती है भारत माता की पूजा
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देश के कुछ मंदिरों में भारत माता और अखंड भारत के मानचित्र को स्थापित किया गया है, जहां की पूजा की जाती है. यहाँ के बारे में जानें और गणतंत्र दिवस के मौके पर इन मंदिरों की खासियतों को समझें.

भारत के लोग हमेशा से मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करते रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां पर भारत माता और अखंड भारत के मानचित्र को स्थापित किया गया है. आइए आज जानें उन मंदिरों के बारे में जहां पर भारत माता और स्वतंत्रता सेनानियों की पूजा की जाती है. वो मंदिर जहां पर महापुरुषों की आराधना की जाती है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी और उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित इन मंदिरों के बारे में गणतंत्र दिवस से पहले आइए जानते हैं.

वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में भारत माता का मंदिर है जिसे स्वतंत्रता से पहले बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने निर्मित करवाया. जब मंदिर बन रहा था तब महात्मा गांधी के हाथों में स्वतंत्रता संग्राम की कमान थी और वे लगातार राष्ट्रीय आंदोलन कर रहे थे. मंदिर का निर्माण 1918 से शुरू होकर साल 1924 में पूरा हुआ. महात्मा गांधी ने 25 अक्टूबर 1936 को वाराणसी में भारत माता मंदिर का उद्घाटन किया था.बनारस के इस भारत माता के मंदिर में भारत का अविभाजित नक्शा है जिसकी भक्त पूजा करते हैं. मंदिर के गर्भ गृह के केंद्र में अविभाजित भारत का नक्शा स्थापित है जिसकी आराधना की जाती है. नक्शे में अफगानिस्तान से लेकर बलूचिस्तान, पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका को दर्शाया गया है.मंदिर के द्वार पर बडे़ अक्षरों में राष्ट्रीय गीत उकेरी गई है. पूरे दरवाजे पर राष्ट्रीय गीत और मैथलीशरण गुप्त की कविता देखने को मिलती है. कविता का सार देशवासियों को एक करता है. साल में 2 बार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्रता दिवस पर अखंड भारत के मंदिर की साज सज्जा की जाती है. नक्शे के जलाशय वाले हिस्सा को इन दिनों पानी से भरा जाता है और मैदानी भाग को फूलों और घास से सजा दिया जाता है.वाराणसी के अलावा हरिद्वार में भी एक भारत माता मंदिर स्थित है जो प्रसिद्ध और पवित्र धार्मिक स्थल है. देश के अलग-अलग कोनों से लाखों भक्त यहां गंगा स्नान करने और मनसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन, इस पवित्र स्थल से कुछ दूर ही भारत माता का अनोखा मंदिर है. इस मंदिर को मदर इंडिया टेम्पल (भारत माता मंदिर) कहा जाता है. जिसका साल 1983 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उद्घाटन किया था. पहले मंदिर में कुछ ही मंजिल थे लेकिन बाद में इसे 8 मंजिल का कर दिया गया. यह मंदिर देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है. जिसकी ऊंचाई करीब 180 फीट है. ऊपर के मंजिल तक जाने के लिए लिफ्ट लगाई गई है.मंदिर की पहली मंजिल पर भारत माता की प्रतिमा स्थित है. दूसरी मंजिल जो शूर मंजिल के रूप में जाना जाता है वहां झाँसी की रानी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस से लेकर महात्मा गांधी आदि की प्रतिमा हैं. तीसरी मंजिल का नाम मातृ मंदिर है जहां पर मीरा बाई, सावित्री और भारत की कुछ महान महिलाओं की प्रतिमा स्थित है. चौथी मंजिल का नाम मातृ मंदिर है जहां पर कबीर दास, गौतम बुद्ध से लेकर तुलसीदास और श्री साईं बाबा की प्रतिमाएं स्थित हैं.पांचवी मंजिल पर भगवानजी और महान पुरुषों की पेंटिंग स्थापित है. यहां पर कई कई अनोखी पेंटिंग भी मौजूद हैं.सातवीं मंजिल पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. यहां पर भगवान विष्णु के दस अवतारों को स्थापित किया गया है. आठवीं और अंतिम मंजिल पर शिवजी की पूजा की जाती है. यहां पर हिमालय पर्वत पर शिवजी के बैठे हुए प्रतिमा स्थापित है.भारत माता मंदिर दर्शन के लिए आना है तो सर्दियों के मौसम में आना से बचें. दशहरा, अमवस्या, पूर्णिमा जैसे त्योहारों में यहां आना काफी खुशनुमा एहसास देता है. अगर भारत माता मंदिर आना है तो (हरिद्वार में घूमने के बेहतरीन जगहें) इसके खुलने का समय है सुबह 8 बजे और इसे शाम के 7 बजे बंद कर दिया जाता है. इस टाइम के दौरान आप मंदिर में घूमने जा सकते हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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