भारत पहुंचे लोग बोले- हाथ-पैर और गले में बेड़ियां डालीं; यह भी नहीं बताया कि कहां ले जा रहे

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भारत पहुंचे लोग बोले- हाथ-पैर और गले में बेड़ियां डालीं; यह भी नहीं बताया कि कहां ले जा रहे
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अमेरिका से वापस भेजी गईं मुस्कान का कहना है कि जहाज में सवार होने तक यह नहीं पता था कि उन्हें भारत भेजा जा रहा है। अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को लेकर US आर्मी का मिलिट्री 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा। यहां 104 लोगों को छोड़ा गया। प्लेन से आए ज्यादातर नागरिक पंजाब, हरियाणा और गुजरात के हैं। इन लोगों ने बताया कि अमेरिका भारत पहुंचने के बीच करीब 40 घंटे का सफर किसी बड़ी सजा से कम नहीं था। हाथ-पैर बंधी हालत में लोगों को जहाज में बैठाया गया। वॉशरूम जाने के लिए भी प्लेन स्टाफ की इजाजत जरूरी थी।

भारत पहुंचे लोग बोले- हाथ-पैर और गले में बेड़ियां डालीं; यह भी नहीं बताया कि कहां ले जा रहेअमेरिका से वापस भेजी गईं मुस्कान का कहना है कि जहाज में सवार होने तक यह नहीं पता था कि उन्हें भारत भेजा जा रहा है।

वहां अमेरिकी सेना का बहुत बड़ा हवाई जहाज खड़ा था। हमें बस से उतारकर लाइन में खड़ा किया गया। पूरा चेहरा मास्क से ढंक दिया। इसके बाद हाथ-पैर और गले में बेड़ियां डाल दी गईं। हमें ऐसे ट्रीट किया जा रहा था जैसे हम बहुत बड़े क्रिमिनल हो। इंडिया में जहाज से उतरते समय ही हथकड़ी खोली गई। जहाज में 6 साल तक के 4 बच्चों के अलावा सभी को हथकड़ी लगाई गई थी। बच्चों को जहाज में उनकी मां के पास ही रखा गया था।

पंजाब में गुरदासपुर के फतेहगढ़ चूड़ियां के रहने वाले जसपाल सिंह ने बताया कि 11 दिन हिरासत में रखने के बाद उसे भारत भेजा गया। डिपोर्टेशन के दौरान उन्हें बेढ़ियों में जकड़ कर रखा गया और यह भी नहीं बताया गया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है। रास्ते में ही उन्हें पता चला कि उन्हें भारत वापस भेजा जा रहा है।फतेहाबाद जिले के गांव दिगोह गगनप्रीत सिंह के अनुसार 2 फरवरी को सुबह 4 बजे के बाद चले थे। पहला सफर छह घंटे का रहा। उसके बाद उन्हें नीचे उतारा गया। फिर छह घंटे और प्लेन उड़ने के बाद उतारा गया। इसके...

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