छगन भुजबल ने मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने पर अजित पवार पर निशाना साधा, दावा किया कि फडणवीस उन्हें शामिल करने के पक्ष में थे
वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार की नई मंत्रिपरिषद से बाहर किए जाने को लेकर अजित पवार पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के पक्ष में थे। उन्होंने कहा कि एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार पार्टी के लिए उसी तरह फैसले लेते हैं, जैसे फडणवीस भाजपा के लिए और एकनाथ शिंदे शिवसेना के लिए। इससे पहले छगन भुजबल ने सोमवार को एक्स पर लिखा था कि, 'जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना'। अब मंगलवार को भुजबल ने कहा
कि वह एनसीपी कार्यकर्ताओं और येओला निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से चर्चा करने के बाद बुधवार को अपनी बात रखेंगे। प्रमुख ओबीसी नेता ने कहा कि वह मंत्री नहीं बनाए जाने से निराश नहीं हैं, लेकिन अपने साथ हुए व्यवहार से अपमानित महसूस कर रहे हैं। नासिक में पत्रकारों से बात करते हुए भुजबल ने दावा किया कि, उन्हें मई में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन उनके नाम को फाइनल नहीं किया गया। येओला सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ हफ्ते बाद भुजबल ने कहा कि, हाल ही में उन्हें राज्यसभा सीट की भी पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा, मैंने नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव स्वीकार कर लिया। इस साल की शुरुआत में जब मैं राज्यसभा में जाना चाहता था, तो मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया। आठ दिन पहले मुझे राज्यसभा सीट की पेशकश की गई थी, जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया। भुजबल ने पूछा, उन्होंने तब मेरी बात नहीं सुनी, अब वे इसे (राज्यसभा सीट) दे रहे हैं। क्या मैं आपके हाथों का खिलौना हूं? क्या आपको लगता है कि जब भी आप मुझे कहेंगे मैं खड़ा हो जाऊंगा, जब भी आप मुझे कहेंगे मैं बैठ जाऊंगा और चुनाव लड़ूंगा? अगर मैं इस्तीफा दे दूं तो मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग क्या महसूस करेंगे? उन्होंने कहा, मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य मंत्रिमंडल में मुझे शामिल करने पर जोर दिया था। महायुति गठबंधन में प्रत्येक पार्टी का प्रमुख अपनी पार्टी के लिए फैसला करता है। भाजपा के लिए फडणवीस, शिवसेना के लिए एकनाथ शिंदे और राकांपा के लिए अजित पवार फैसला करते हैं। फडणवीस ने रविवार को नागपुर में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और अपनी टीम में 39 नए सदस्यों को शामिल किया। इसमें भाजपा से 19, शि
छगन भुजबल अजित पवार देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र एनसीपी मंत्रिमंडल
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद छगन भुजबल नाराजमहाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद महायुति की तीनों पार्टियों में नाराजगी सामने आई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज ने छगन भुजबल ने जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना के बाद अब कहा है कि 'मैं किसी के हाथ का खिलौना नहीं हूं'। उन्होंने मंगलवार को पार्टी के अध्यक्ष अजित पवार पर आरोप लगाया कि उनकी उपेक्षा की गई। उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। भुजबल ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें शामिल करने के इच्छुक थे। उद्धव ठाकरे ने कसा तंज एक तरफ जहां भुजबल ने मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर अजित पवार को निशाने पर लिया है तो वहीं दूसरी ओर उनकी नाराजगी पर शिवसेना यूबीटी चीफ और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने निशाना साधा है।
और पढो »
यमन के हौथी समूह ने तीन अमेरिकी सैन्य आपूर्ति जहाजों को निशाना बनाने का दावा कियायमन के हौथी समूह ने तीन अमेरिकी सैन्य आपूर्ति जहाजों को निशाना बनाने का दावा किया
और पढो »
भुजबल पर अजित पवार के हमले का आरोपछगन भुजबल ने कहा कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल न होने पर अजित पवार द्वारा पार्टी के साथ भेदभाव किया गया है.
और पढो »
Sharad Pawar के बर्थडे पर मिलने पहुंचे अजित, महाराष्ट्र में अभी खेला बाकी है!Sharad Pawar Birthday: अजित पवार पत्नी सुनेत्रा पवार और अपनी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं प्रफुल पटेल, छगन भुजबल के साथ चाचा शरद पवार को जन्मदिन पर विश करने के लिए पहुंचे.
और पढो »
इराकी मिलिशिया ने इजरायल पर दो ड्रोन हमले करने का किया दावाइराकी मिलिशिया ने इजरायल पर दो ड्रोन हमले करने का किया दावा
और पढो »
छगन भुजबल का अजित पवार पर तंज, कहा कैबिनेट में जगह न मिलने का दुख नहीं लेकिन...छगन भुजबल ने मंत्रीमंडल में जगह न मिलने पर एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार पर तंज कसा. उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें कैबिनेट में शामिल करना चाहते थे, लेकिन फैसला अजित पवार ने किया. भुजबल ने कहा कि एनसीपी में फैसले अजित पवार लेते हैं, जैसे बीजेपी में देवेन्द्र फडणवीस और शिवसेना में एकनाथ शिंदे लेते हैं.
और पढो »