भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बीत गए हैं, लेकिन पीड़ितों का संघर्�ष खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की, जिसमें कैंसर और घातक किडनी रोगों से ग्रस्त पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग की गई है.
भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बीत गए लेकिन पीड़ितों का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है. गंभीर बीमारियों का शिकार हो चुके उचित मुआवजे के लिए अब भी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.
याचिका में कैंसर और घातक किडनी रोगों से ग्रस्त उन पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग की गई है, जिनकी गैस के संपर्क में आने से हुई शारीरिक नुकसान को गलत तरीके से अस्थायी क्षति के श्रेणी में रखा गया था. भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव ने कहा, ‘हम ख़ुशनसीब हैं कि ओडिशा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. एस. मुरलीधर ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष हमारा मामला प्रस्तुत करने की कृपा की है. इससे पहले डॉ. मुरलीधर ने सर्वोच्च न्यायालय से हम गैस पीड़ितों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा पाने का अधिकार और सभी भोपाली दावेदारों के लिए प्रो-रेटा मुआवजा दिलाया है.’
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने सुप्रीम कोर्ट के 1991 और 2023 के आदेशों का हवाला देते हुए कहा, ‘अपने आदेशों में सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि भोपाल पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे में किसी भी तरह की कमी की भरपाई भारत सरकार को करनी होगी. कैंसर और जानलेवा किडनी रोगों से पीड़ित भोपाल के पीड़ितों के लिए कम से कम 5 लाख रुपये के अतिरिक्त मुआवजे के लिए हमारा मामला स्पष्ट रूप से अपर्याप्त मुआवज़ा का मामला है.
भोपाल गैस त्रासदी संघर्ष सुप्रीम कोर्ट रिट याचिका मुआवजे
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
महाराष्ट्र के सांगली में उर्वरक संयंत्र में गैस रिसाव होने से 3 लोगों की मौत, 9 घायलSangli Gas Leak: सांगली के पुलिस अधीक्षक संदीप घुगे ने बताया कि ऐसा संदेह है कि रिएक्टर में विस्फोट होने के बाद अमोनिया गैस का रिसाव हुआ.
और पढो »
भोपाल गैस कांड के 40 साल; जब पत्तों की तरह सड़कों पर बिखरी पड़ी थी लाशें, 2 दिसंबर की उस रात क्या हुआ था?2 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में कुछ ऐसा हुआ, जिसके निशान पीढ़ियों के साथ बढ़ रहे हैं। भोपाल गैस त्रासदी को 40 साल पूरे हो गए हैं। हालांकि इसके पीड़ितों को मुआवजे और इंसाफ के लिए आज भी भटकना पड़ रहा है। जानें 2 दिसंबर 1984 की उस रात को ऐसा क्या हुआ?
और पढो »
लिखकर दें कि BMHRC का भोपाल एम्स में विलय नहीं होगा, हाईकोर्ट ने केंद्र से कहाBhopal Aiims And BMHRC Merger: भोपाल एम्स और बीएमएचआरसी के मर्जर को लेकर चर्चा चल रही है। गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठन ने इसका विरोध किया था। इसके बाद हाईकोर्ट में इसे लेकर सुनवाई है। केंद्र के वकील से हाईकोर्ट ने लिखित में जवाब मांगा है कि बीएमएचआरसी का भोपाल एम्स के साथ विलय का कोई प्लान नहीं...
और पढो »
ऐसे पता लगाएं सिलेंडर में गैस का लेवल, खत्म होने से पहले ही मिलेंगे संकेतऐसे पता लगाएं सिलेंडर में गैस का लेवल, खत्म होने से पहले ही मिलेंगे संकेत
और पढो »
Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल... आज भी दिख रहा असर, डॉक्टर ने किए चौंकाने वाले खुलासेएक पूर्व सरकारी फोरेंसिक डॉक्टर ने कहा है कि 40 साल पहले मध्य प्रदेश के भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से लीक हुई जहरीली गैसों का प्रभाव त्रासदी से बचे लोगों की अगली पीढ़ियों पर देखा गया था। 2 और 3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को शहर में कीटनाशक कारखाने से जहरीली गैस के रिसाव के बाद कम से कम पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित...
और पढो »
सिहमा गांव के 300 घरों में नहीं जले चूल्हे, शारदा सिन्हा के ससुराल में सैकड़ों परिवार नहीं मना रहे छठSharda Sinha Death News: शारदा सिन्हा के निधन के बाद पूरे बिहार सहित देश में शोक का माहौल है। शारदा सिन्हा के ससुराल बेगूसराय के सिहमा गांव में मातम पसरा हुआ है। जानकारी के मुताबिक गांव के सैकड़ों परिवारों ने चूल्हा नहीं जलाया है। इसके अलावा सैकड़ों परिवार तैयारी के बाद भी इस साल छठ नहीं करने का फैसला किया है। शारदा सिन्हा के निधन से ससुराल के लोग...
और पढो »