Astrology: अन्य भाव की तरह कुंडली का तीसरा भाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. तीसरे भाव के स्वामी ग्रह बुध और कारक ग्रह मंगल (Mars) हैं. इस भाव को भाई-बहन और पराक्रम से जुड़ा माना जाता है. इस भाव में मंगल हों, तो व्यक्ति काफी स्पष्ट होता है. वे दूसरों के समक्ष अपनी बातों को बेहतर तरीके से प्रकट कर सकते हैं.
मंगल के प्रभाव से व्यक्ति में काफी आत्मविश्वास देखने को मिलता है. उसमें काफी ऊर्जा होती है. इस भाव में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति अपने विचारों को काफी सहज रूप में स्पष्टता के साथ प्रकट कर सकता है. अन्य भाव की तरह कुंडली का तीसरा भाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. तीसरे भाव के स्वामी ग्रह बुध और कारक ग्रह मंगल हैं. इस भाव को भाई-बहन और पराक्रम से जुड़ा माना जाता है. इस भाव में मंगल हों, तो व्यक्ति काफी स्पष्ट होता है. वे दूसरों के समक्ष अपनी बातों को बेहतर तरीके से प्रकट कर सकते हैं.
शत्रु भी आपसे परास्त होंगे. मंगल की ऊर्जा के प्रभाव से कई बार व्यक्ति लापरवाह हो सकता है. ऐसे में ज्यादा दुस्साहस खतरनाक साबित हो सकता है.तीसरे भाव में मंगल के पारिवारिक और वैवाहिक जीवन पर प्रभाव की बात करें तो भाई के साथ रिश्ते बेहतर नहीं होते. कई बार उनका कोई छोटा भाई नहीं होता. हालांकि छोटी बहन जरूर हो सकती है. जहां तक वैवाहिक जीवन की बात है, तो आपको मिले-जुले प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. आप एक अच्छे जीवनसाथी होंगे, लेकिन आपको अपने स्वभाव पर नियंत्रण रखना होगा, अन्यथा परेशानी हो सकती है.
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