मंदसौर में 270 करोड़ रुपये की लागत से बना मेडिकल कॉलेज का निर्माण अवैध घोषित कर दिया गया है।
मंदसौर में 270 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज की इमारत को नगर और ग्राम निवेश विभाग (टी.एन.सी.) ने अवैध घोषित कर दिया है। विभाग ने इस इमारत की स्वीकृति को निरस्त कर दिया है। यह मेडिकल कॉलेज भारत सरकार और मध्य प्रदेश शासन के संयुक्त अंशदान से बनाया गया है। दरअसल, मेडिकल कॉलेज की इमारत का शिलान्यास और उद्घाटन पहले ही हो चुका है। कॉलेज का संचालन भी शुरू हो चुका है, लेकिन अब यह इमारत कानूनी रूप से अवैध मानी जा रही है। टी.एन.सी.
विभाग ने बताया कि निर्माण के लिए पहले से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। निर्माण के बाद अनुमति की मांग की गई, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया।\मानकों को नहीं पूरा कर रहा मौके पर निरीक्षण में पाया गया कि भवन की ऊंचाई 12 से 18 मीटर तक है। एक भवन की ऊंचाई 30 मीटर है। निर्माण के दौरान महू-नसीराबाद बायपास मार्ग की प्रस्तावित चौड़ाई 150 मीटर को ध्यान में नहीं रखा गया। मार्ग के मध्य से 40 मीटर की दूरी पर ही बिल्डिंग लाइन बनाई गई। इसके अलावा, एम.पी.आर.डी.सी. विभाग उज्जैन से भी निर्माण की अनुमति नहीं ली गई। पीएम मोदी ने किया था लोकार्पण\इस घटना से मेडिकल कॉलेज की वैधता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों का भविष्य भी संकट में है। कॉलेज के पास से गुजरने वाली सड़क सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकती हैं। इससे छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि इस मेडिकल कॉलेज की नींव शिवराज सिंह चौहान के सरकार के समय रखी गई थी। विधानसभा चुनाव के दौरान 24 मार्च 2023 को शिवराज सिंह ने ही इसका नामकरण किया था। वहीं मोहन यादव की सरकार में 29 अक्टूबर 2024 में वर्चुअल रूप से इसका लोकार्पण किया था। अब देखना यह होगा कि अस्पताल और अन्य सुविधाओं का निर्माण कैसे होगा? क्या इसके लिए नई स्वीकृति ली जाएंगी? 270 करोड़ रुपये की लागत से बना यह मेडिकल कॉलेज फिलहाल संकट में है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों पर कार्रवाई की संभावना बनी हुई है, लेकिन यह प्रक्रिया कितनी जल्दी पूरी होगी? क्या प्रभावी कदम उठाए जाएंगे, यह समय बताएगा
मेडिकल कॉलेज अवैध मंदसौर टी.एन.सी. विभाग शिवराज सिंह चौहान मोहन यादव
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