मणिपुर हिंसा: एक साल बाद भी तबाही और विस्थापन के ज़ख़्म भरे नहीं- ग्राउंड रिपोर्ट

इंडिया समाचार समाचार

मणिपुर हिंसा: एक साल बाद भी तबाही और विस्थापन के ज़ख़्म भरे नहीं- ग्राउंड रिपोर्ट
इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें
  • 📰 BBC News Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 77 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 34%
  • Publisher: 51%

कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हुई हिंसा के बाद अब तक मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं, दोनों समुदाय मुसीबतों से जूझ रहे हैं. सरकार मणिपुर को पटरी पर लाने में नाकाम क्यों हो रही है?

52 साल की नेंगनेई चोंग मणिपुर की रहने वाली हैं, अब मिज़ोरम के राहत शिविरों में रह रही हैंमणिपुर में पिछले साल मई महीने में शुरू हुई जातीय हिंसा में 200 से ज़्यादा लोग मारे जा जुके हैं और एक साल बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं.था, "एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है. उसके पहले 10 साल शांत रहा. अचानक जो कलह वहाँ पैदा हुई है या पैदा की गई है, उसकी आग में मणिपुर अभी तक जल रहा है.

राजधानी आइज़ोल से क़रीब 15 किलोमीटर दूर शहरी ग़रीबों के लिए बनी एक हाउसिंग सोसायटी में रहने वाली नेंगनेई को घर वापसी की कोई उम्मीद नहीं है. न उनके पास कोई काम है, न पूंजी.हिंसा का एक साल: पीएम मोदी ने किए देश के भीतर 162 दौरे पर मणिपुर से रहे दूर लेंबी चिंगथाम कहती हैं, "मैं डिप्रेशन में हूँ. मगर डिप्रेशन में मैं सोचती रहती हूँ कि मेरा परिवार यहां कैसे रहेगा?"मणिपुर में अत्याचार, बलात्कार और हत्याओं का ख़ौफ़नाक मंज़र -ग्राउंड रिपोर्टनेंगनेई चोंग मिज़ोरम में हैं तो उनकी रिश्तेदार और उन्हीं के गांव की रहने वाली बॉईनू हाओकीप मणिपुर के कुकी-बहुल चुराचांदपुर में रह गईं. हिंसा भड़कने के कुछ दिनों बाद ही हज़ारों विस्थापित कुकी यहीं आ गए थे.

एक वक़्त था, जब वो मणिपुर में करोड़ों के मकान में रहते थे. आज उनके दोनों बेटे, रॉबर्ट और हैलरी मिज़ोरम में दिहाड़ी मज़दूरी करने पर मजबूर हैं. पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 1971 की जंग लड़ चुके रामथांग को दुख है कि हिंसा के दौरान उनके सारे मेडल खो गए. बदले हालात में वो भी मज़दूरी करने को मजबूर हैं.राज्य और केंद्र की सरकारें दावे करती रहीं कि वो हालात को सामान्य करने की सभी कोशिशें कर रही हैं लेकिन आज भी मणिपुर पटरी पर नहीं है. कई बिखरे परिवार पड़ोसी मिज़ोरम के राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं.

मिज़ोरम प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वनलाल हमुअका ने कहा, "राज्य में नई सरकार को बने छह महीने हो गए हैं लेकिन अब तक वो केंद्र सरकार को मणिपुर से आए पीड़ितों की सही जानकारी नहीं दे पाई है. भारत सरकार से मदद लेने के लिए हिंसा पीड़ितों की सही शिनाख्त कर उनके नाम और सूची भेजनी होगी."इस राजनीतिक बहस का 33 साल के जोसेफ लुलुन की ज़िंदगी पर शायद ही असर पड़े.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

BBC News Hindi /  🏆 18. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

Manipur Violence: मणिपुर में एक साल बाद भी हिंसा जारी, कौन ज़िम्मेदार केंद्र या राज्य सरकार ?Manipur Violence: मणिपुर में एक साल बाद भी हिंसा जारी, कौन ज़िम्मेदार केंद्र या राज्य सरकार ?मणिपुर में असामाजिक तत्व कर रहे कानून व्यवस्था से खिलवाड़, आख़िर क्यों हो जाते है सुरक्षा बल लाचार? इस बीच सुरक्षा बलों का मानना है कि जिन इलाक़ों से AFSPA हटाया गया उसे वापिस लाना चाहिए.
और पढो »

Chandu Champion Hit Or Flop: पहले हफ्ते चंदू चैंपियन ने पीटे इतने करोड़, समझिए हिट या फ्लॉप रहे कार्तिक आर्यनChandu Champion Hit Or Flop: पहले हफ्ते चंदू चैंपियन ने पीटे इतने करोड़, समझिए हिट या फ्लॉप रहे कार्तिक आर्यनकार्तिक की साल की पहली फिल्म और करोड़ों चाहने वालों की दुआएं, फिल्म भी ऐसी कि जिसे देखने के बाद कोई भी दर्शक इसे सिरे से नहीं नकार सकता
और पढो »

Weather Update: 16 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, राजस्थान में जमकर बरसे मेघ; असम में बाढ़ से बिगड़े हालातWeather Update: 16 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, राजस्थान में जमकर बरसे मेघ; असम में बाढ़ से बिगड़े हालातअसम और अरुणाचल प्रदेश में बारिश के बाद आई बाढ़ से भारी तबाही मची है।
और पढो »

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गौरव भाटिया ने विपक्ष पर जमकर तंज कसाप्रेस कांफ्रेंस के दौरान गौरव भाटिया ने विपक्ष पर जमकर तंज कसाGaurav Bhatia on West Bengal: बंगाल में एक बार फिर हिंसा का मामला सामने आया है। एक के बाद एक हिंसा Watch video on ZeeNews Hindi
और पढो »

भारत का एक ऐसा गांव, आजादी के बाद भी नहीं मिली बिजली, पानी और सड़कभारत का एक ऐसा गांव, आजादी के बाद भी नहीं मिली बिजली, पानी और सड़कमध्य प्रदेश में सिंगरौली जिला स्थित है. यहां कोयला और बिजली उत्पादन के लिए जाना जाता है. सिंगरौली को भारत की ऊर्जा राजधानी भी कहते हैं. इतना सब कुछ होने के बावजूद यहां पर एक आदिवासी गांव है , जो आजादी के इतने सालों बाद भी बुनियादी सुविधाओं से दूर है.
और पढो »

Hrithik Kabir Film: सात साल बाद साथ आएंगे कबीर खान-ऋतिक रोशन? रिपोर्ट ने बढ़ाई सोशल मीडिया की हलचलHrithik Kabir Film: सात साल बाद साथ आएंगे कबीर खान-ऋतिक रोशन? रिपोर्ट ने बढ़ाई सोशल मीडिया की हलचलकबीर खान और ऋतिक रोशन के सात साल बाद वापस साथ आने की खबरें हैं। वायरल रिपोर्ट ने सोशल मीडिया की हलचल बढ़ा दी है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-21 04:29:37