होलिका दहन और होली पर्व मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है. इसके अनुसार, प्राचीन समय में असुर राजा हिरण्यकश्यप का बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था. यह बात हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं थी. तब उसने अपने बेटे प्रहलाद को मारने के लिए कई प्रयत्न किए लेकिन हर बार भगवान ने उसकी रक्षा की प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ. तब राजा हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से प्रहलाद को मारने के लिए उसे अग्नि में जलाने के लिए कहा.
मथुरा-वृंदावन में 40 दिन के होली उत्सव की शुरुआत हो गई है. आप भी जान लीजिए साल 2025 में होली कब है और होलिका दहन कब होगा?
रंगों का त्योहार होली हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन करते हैं और फिर उसके अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है. तरह-तरह के पकवान खाए जाते हैं. इसे अधर्म पर धर्म की जीत के तौर पर मनाया जाता है. पिछले साल की तरह इस साल भी लोगों को होलिका दहन और होली खेलने की तारीख को लेकर कुछ कंफ्यूजन हो रहा है. जानिए होली की सही तारीख और होलिका दहन की तारीख व शुभ मुहूर्त.
HOLI HOLIKA DHARM ADHARAM MATHURA VRINDAVAN
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