प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में कौन सा अखाड़ा सबसे पहले स्नान करेगा, यह जानने के लिए इस लेख में पूरी जानकारी दी गई है.
यूपी के प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ में शामिल होने के लिए देशभर से साधु-संतों के अखाड़े महाकुंभ पहुंचना शुरू हो गए हैं. प्रयागराज में 12 साल बाद होने जा रहे महाकुंभ के लिए शहर पूरा सज चुका है. गंगा और यमुना के संगम के दोनों किनारों पर दूर-दूर तक तंबुओं का नया शहर बसा हुआ दिख रहा है. प्रशासन ने इस शहर को महाकुंभ नगर नाम के नए जिले का दर्जा देते हुए वहां पर अलग से अधिकारियों की तैनाती की है.
महाकुंभ में सबसे खास वे तिथियां रहेंगी, जब साधु-संतों के अखाड़ों समेत देश-दुनिया के करोड़ों लोग गंगा-यमुना के संगम में राजसी स्नान करेंगे.कुंभ के दौरान साधुओं के अखाड़ों का स्नान करना सबसे खास होता है. प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़े समेत कुल 14 अखाड़े भाग ले रहे हैं. उनमें से कौन सा अखाड़ा सबसे पहले स्नान करेगा, यह कैसे तय होता है. असल में स्नान को लेकर यह विवाद लंबे समय तक अखाड़ों में चला था, जिसका निपटारा बाद में अंग्रेजों के समय कर दिया गया था. तब से सभी अखाड़े अपने क्रम के अनुसार ही राजसी स्नान करते आ रहे हैं.स्थापित परंपरा के मुताबिक, अंग्रेजी राज के दौरान ही सभी अखाड़ों ने आपसी सहमति से स्नान को लेकर एक संहिता बनाई थी. इसके तहत प्रयागराज में होने वाले सभी अर्धकुंभ और पूर्ण कुंभ में सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के साधु सबसे पहले स्नान करते हैं. वहीं हरिद्वार में लगने वाले कुंभ में निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले राजसी स्नान करता है. जबकि उज्जैन और नासिक में कुंभ मेला लगने पर जूना अखाड़े को सबसे पहले राजसी स्नान करने का अवसर मिलता ह
MHA-KUMBH AKHARAS SNAN ORDER PRAYAGRAJ SPIRITUAL BATH
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