माघ पूर्णिमा, महाकुंभ के पांचवें शाही स्नान का दिन, 12 फरवरी 2025 को है। इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने से व्यक्ति की आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस लेख में, हम जानते हैं कि महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान क्यों विशेष होता है और इस दिन स्नान के लिए शुभ समय क्या है।
महाकुंभ का आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेला है, जिसमें लाखों लोग एकत्रित होते हैं। हर 12 साल में एक बार यह मेला प्रयागराज में आयोजित होता है, और इसमें स्नान करने का विशेष महत्व है। महाकुंभ के दौरान कुछ खास तिथियों पर शाही स्नान किए जाते हैं, जिनमें माघ पूर्णिमा का स्नान विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए इस विषय में विस्तार से जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से। माघ पूर्णिमा , एक प्रमुख हिंदू तिथि है, जो धार्मिक दृष्टि से
अत्यधिक शुभ मानी जाती है। यह तिथि विशेष रूप से इसलिए महत्व रखती है क्योंकि इस दिन त्रिवेणी संगम पर स्नान करने से व्यक्ति की आत्मिक शुद्धि होती है और वह अपने जीवन के कष्टों से मुक्त होता है। इस दिन का स्नान विशेष रूप से महाकुंभ के शाही स्नान में शामिल होता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु एक साथ संगम में डुबकी लगाते हैं।\महाकुंभ में माघ पूर्णिमा स्नान का महत्व महाकुंभ के दौरान माघ पूर्णिमा का स्नान विशेष रूप से पुण्य लाभ देने वाला माना जाता है। यह दिन महाकुंभ का पांचवां शाही स्नान होता है, जो 12 फरवरी 2025 को होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और त्रिवेणी संगम में स्नान करके अपना तप करते हैं। इस दिन स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दिन किए गए दान और तप भी बेहद फलदायी माने जाते हैं।\माघ पूर्णिमा स्नान का समय माघ पूर्णिमा की तिथि 11 फरवरी 2025 को शाम 6:55 बजे से शुरू होकर 12 फरवरी 2025 को शाम 7:22 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का दिन रहेगा। इस दिन विशेष रूप से स्नान के लिए शुभ समय सुबह 05:19 से 06:10 तक रहेगा। इस समय का लाभ लेकर श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाते हैं और आस्थापूर्वक अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति की कामना करते हैं। माघ पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने से न सिर्फ शारीरिक शुद्धि होती है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि भी प्राप्त होती है। इस दिन को लेकर अनेक धार्मिक ग्रंथों में भी वर्णन मिलता है, जहां इसे मोक्ष प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम समय बताया गया है। माघ पूर्णिमा के दिन किए गए स्नान से आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है
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