ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े ने महज 7 दिनों के अंदर महामंडलेश्वर पद से हटा दिया. उनके साथ कई नियमों का उल्लंघन भी किया गया था.
90 के दशक में बॉलीवुड से लेकर अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाली ममता कुलकर्णी ने हाल ही में संन्यास दीक्षा लेकर किन्नर अखाड़ा में प्रवेश किया था और महाकुंभ में उन्हें यह पद दिया गया था, जिसके बाद हर तरफ सनसनी मच गई थी. यहां कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे थे, तो कुछ इसको लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे थे. हालांकि, अब ममता को महज 7 दिनों के अंदर किन्नर अखाड़ा ने महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है. चलिए जानते हैं वो 5 वजहें जिनकी वजह से उनको किन्नर अखाड़े से निकाला गया.
ममता कुलकर्णी अब महामंडलेश्वर नहीं रहीं. किन्नर अखाड़े ने महज 7 दिनों के अंदर उनको महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया और साथ ही उन्हें अखाड़े से बाहर भी कर दिया गया. किन्नर अखाड़े में उनकी एंट्री के बाद से ही हर तरफ बवाल मचा हुआ था. ममता को लेकर किन्नर अखाड़े में ही मतभेद होने लगे थे, जिसके बाद किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजयदास ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है. उनके साथ-साथ आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी बाहर कर दिया. उन्होंने 2015-16 के उज्जैन कुंभ के दौरान महामंडलेश्वर की उपाधि मिली थी. किन्नर अखाड़े को सबसे ज्यादा आपत्ति इस बात पर थी कि ममता कुलकर्णी को सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि दे दी गई, जबकि उन्हें पहले वैराग्य और सन्यास की प्रक्रिया से गुजरना चाहिए था. अखाड़े का मानना है कि किसी को भी इतनी बड़ी उपाधि देने से पहले उसे सन्यासी बनना जरूरी होता है, ताकि वो वैराग्य के मार्ग को पूरी तरह अपना सके. अगर ममता कुलकर्णी पहले सन्यास लेतीं और फिर उन्हें महामंडलेश्वर बनाया जाता, तो शायद कोई विवाद नहीं होता. इसी बात का जिक्र किन्नर अखाड़े द्वारा जारी किए गए बयान में भी किया गया है. 90 के दशक में टॉर एक्ट्रेसेस रह चुकीं ममता कुलकर्णी का नाम कई विवादों से भी जुड़ा रहा है, जिसकी वजह से भी उनके हाथ से ये पद निकल गया. अखाड़े का मानना है कि उनका फिल्मी दुनिया से जुड़ा होना इतनी बड़ी बात नहीं थी, बल्कि असली वजह उनका फिल्मों में बोल्ड अंदाज और उनकी इमेज थी. 90 के दशक में उन्होंने एक टॉपलेस फोटोशूट कराया था, जिसने काफी विवाद खड़ा कर दिया था. खासकर किन्नर अखाड़े के कई लोगों को इस बात से आपत्ति थी. उनके मुताबिक, जो व्यक्ति संत बनने जा रहा है, उसकी छवि साफ-सुथरी और मर्यादित होनी चाहिए. इसके अलावा ममता कुलकर्णी का नाम अंडरवर्ल्ड से भी जोड़ा जाता रहा है. कहा जाता है कि उन्होंने फिल्मी दुनिया छोड़कर ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से दुबई में शादी कर ली थी. उन पर कई गंभीर आरोप लगे, जिनमें देशद्रोह और अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने के आरोप भी शामिल थे. एक समय तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट तक जारी किया गया था. हालांकि, एक्ट्रेस हमेशा से इन आरोपों को गलत बताती आई हैं, लेकिन ये सभी विवाद उनके नाम से जुड़े रहे और उनकी जिंदगी हमेशा विवादों में घिरी रही. इसलिए एक वजह ये भी है कि उनको इस पद से हटाया गया. अखाड़ों के नियम के अनुसार, जो भी इंसान महामंडलेश्वर बनता है, उसे पहले संन्यासी बनना जरूरी होता है और उसका मुंडन संस्कार किया जाता है. बिना मुंडन के संन्यास को पूरा नहीं माना जाता, क्योंकि ये एक जरूरी परंपरा है. लेकिन ममता कुलकर्णी न तो संन्यासी थीं और न ही उनका मुंडन संस्कार हुआ था. इसलिए उन्हें महामंडलेश्वर मानना अखाड़ों के नियमों के अनुसार सही नहीं था. ऐसे में ये भी एक बड़ी वजह थी कि उनको इन नियमों का पालन न करने की वजह से अखाड़े से बाहर निकाल कर दिया. आखिरी वजह किन्नर अखाड़े के नियमों के अनुसार, उनके संन्यासियों को गले में वैजंती माला पहननी होती है, लेकिन ममता कुलकर्णी ने इसकी बजाय रुद्राक्ष की माला पहनी थी. ये अखाड़े के नियमों के खिलाफ था. इसी वजह से उनकी महामंडलेश्वर की पदवी पर भी सवाल उठे, क्योंकि ये पदवी भी किन्नर अखाड़े के नियमों के अनुसार नहीं दी गई थी. अखाड़ों के संन्यासियों के लिए कुछ सख्त परंपराएं होती हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है, लेकिन ममता कुलकर्णी के मामले में इन नियमों का ठीक से पालन नहीं किया गया था
Mamtta Kulkarni Kinnar Akhada Mahamandaleshwar Controversy Rules
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