महाराष्ट्र: सेप्टिक टैंक में जान गंवाने वाले तीन श्रमिकों की पत्नियों ने जीती मुआवज़े की लड़ाई Maharashtra SepticTankDeaths Compensation BombayHighcourt MaharashrtraGovt महाराष्ट्र सेप्टिकटैंक मुआवजा बॉम्बेहाईकोर्ट महाराष्ट्रसरकार
प्रतिबंधित हो जाने के बावजूद देशभर में हाथ से मैला ढोने की प्रथा अभी भी बदस्तूर जारी है. ज्यादातर नगर निगम अधिकारी कानूनी जवाबदेही से बचने के लिए शातिर तरीके से यह काम उप-ठेकेदारों से करवाते हैं- जैसा कि इस मामले में हुआ, जिसमें तीन व्यक्ति सेप्टिक टैंक के भीतर मृत पाए गए. गोविंद को सिर में चोट लगी थी और दो टैंक के भीतर जहरीली गैस से दम घुटकर मरे थे.
ये औरतें अपनी वकील ईशा सिंह के माध्यम से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम और पेमसा कानून के तहत इस मामले में उपयुक्त धाराएं लगाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. चोरोटिया और कालसेकर अनुसूचित जाति में आते हैं. देबनाथ अन्य पिछड़ी जाति समुदाय से हैं और मूल रूप से उत्तरी बंगाल के एक छोटे से गांव से हैं.राजस्थान के नागौर जिले की एक अशिक्षित महिला विमला की शादी गोविंद से तब हुई जब वे मुश्किल से 16 साल की थीं.
राजस्थान में अनुसूचित जाति के तौर पर वर्गीकृत मोची समुदाय में जन्मी विमला का कहना है कि उनके परिवार में किसी ने भी कभी हाथ से मैला ढोने का काम नहीं किया है. नीता और बानी का भी यही कहना है. जब मुआवजे की मांग करते हुए रिट याचिका दायर की गई, तब सरकार ने खुद को इससे अलग करने की पूरी कोशिश की. सरकार के वकील पीएच कंथारिया ने इस घटना से कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र राज्य द्वारा परित उस सरकारी प्रस्ताव की ओर ध्यान दिलाया, जिसमें यह कहा गया था कि निजी ठेकेदारों के लिए काम करते हुए हुई ऐसी मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है.
28 वर्षीय बानी, तीनों में सबसे युवा हैं. पति की मृत्यु से सिर्फ 20 दिन पहले बानी ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया था. बानी कहती हैं, ‘उस समय से अब तक मैं किराया न दे पाने के कारण तीन घर बदल चुकी हूं. अब मैं अपने पति के दोस्त के परिवार के साथ रह रही हूं, जिन्होंने उदारता दिखाते हुए हमें अपने साथ रखा है. इस पैसे से कम से कम हमारे सिर पर एक छत तो हो जाएगी.’
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
दिल्ली पुलिस ने ऑडिट के बाद सेवानिवृत्त अधिकारियों और जजों की सुरक्षा में कटौती की: रिपोर्टएक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस द्वारा किए गए ऑडिट में पता चला है कि 535 सुरक्षाकर्मियों को उन पूर्व आयुक्तों, सेवानिवृत्त अधिकारियों और न्यायाधीशों के साथ नेताओं की सुरक्षा में तैनात किया गया था, जिन्हें कोई ख़तरा नहीं है. इसके बाद पुलिस ने इन लोगों की सुरक्षा की समीक्षा की और इनकी सुरक्षा या तो हटा दी गई या इसे कम कर दिया.
और पढो »
कांग्रेस में असहमति के बीच दिग्विजय सिंह ने अमित शाह की तारीफ़ कीकांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भोपाल में अपनी किताब ‘नर्मदा की पथिक’ के विमोचन के मौके पर कहा कि 2017 के चुनाव के दौरान जब वे महाराष्ट्र से गुजरात की यात्रा कर रहे थे तो रात के समय गुजरात के जंगल में फंस गए थे. इस दौरान एक अधिकारी को भेजकर अमित शाह ने उनकी मदद की थी. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक समन्वय, सामंजस्य और मित्रता का एक उदाहरण है, जिसका राजनीति और विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है.
और पढो »
Petrol-Diesel के बाद CNG की कीमतों में जबर्दस्त उछाल, रसोई गैस के भी दाम चढ़ेCNG Price hike Natural Gas की कीमत में 62 प्रतिशत की वृद्धि के बाद दिल्ली में सीएनजी (CNG) 2.28 रुपये प्रति किलो और घरों में पाइप के जरिए पहुंचने वाली वाली रसोई गैस (PNG) 2.10 रुपये मंहगी हो गई।
और पढो »
आरटीआई कार्यकर्ता हत्या मामले में भाजपा के पूर्व सांसद की आजीवन कारावास की सज़ा निलंबितएक आरटीआई के माध्यम से साल 2010 में अमित जेठवा ने गिर वन क्षेत्र में चल रहीं अवैध खनन गतिविधियों में जूनागढ़ से भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी की संलिप्तता का खुलासा किया था. उन्होंने इस संबंध में गुजरात हाईकोर्ट में विशेष दिवानी आवेदन दाख़िल किया था. 20 जुलाई 2010 को जेठवा की हाईकोर्ट के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
और पढो »
हरियाणाः विधायकों के आवास तक पहुंचने के लिए किसानों ने तोड़ दिए बैरिकेड्स, खट्टर के मंत्री बोले- गांधी के देश में हिंसा की जगह नहींकिसान संगठनों ने बीजेपी-जेजेपी के विधायकों सांसदों तक पहुंचने के लिए पुलिस के बेरीकेड्स भी कई जगहों पर तोड़ दिए। करनाल में किसानों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के सरकारी आवास पर धावा बोला तो पुलिस ने उन्हें तितर बितर करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया।
और पढो »
गुजरात सरकार ने गरबा के आयोजन की दी इजाजत, इतने लोग हो सकेंगे शामिलसोसाइटी में गरबा का आयोजन किया जा सकता है. इसमें कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए अधिकतम 400 लोगों को शामिल होने की इजाजत होगी.
और पढो »