भारत की सरकार ने मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में राहत देने की घोषणा की है, जिससे माना जाता है कि उनके खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इस कदम का उद्देश्य मांग को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को तेज करना है।
माना जा रहा है कि मिडिल क्लास को मिली इनकम टैक्स छूट से उसके हाथ में ज़्यादा पैसे बचेंगे और उसकी खपत क्षमता बढ़ेगी. मिडिल क्लास की ख़र्च करने की क्षमता बढ़ने से इकोनॉमी को रफ़्तार मिलेगी.वित्त वर्ष 2025-26 के टैक्स प्रावधानों को मध्य वर्ग के लिए बड़ी राहत देने वाला बताया जा रहा है.
आठ से बारह लाख रुपये की सालाना आय वाले लोगों को दस और 12 से 16 लाख रुपये की सालाना आय वाले लोगों को 15 फ़ीसदी टैक्स देना होगा.भारत में मिडिल क्लास की परिभाषा के दायरे में वो लोग आते हैं जिनकी सालाना आय 5 से 30 लाख रुपये तक है.के मुताबिक़ फ़िलहाल देश की आबादी का 40 फ़ीसदी मिडिल क्लास के दायरे में आता है. 2016 में 26 फ़ीसदी लोग मिडिल क्लास के दायरे में आते थे.
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर 6.4 फ़ीसदी रही है जो पिछले चार साल की सबसे धीमी ग्रोथ है. वो कहते हैं, ''मिडिल क्लास एक साथ उपभोक्ता, कर्मचारी और नियोक्ता, तीनों होता है. मिडिल क्लास ड्राइवर, घरेलू और दूसरे सहायकों की सेवाएं भी लेता है. लिहाज़ा उसके हाथ में बचा हुआ अतिरिक्त पैसा इस तरह की सेवा मुहैया करने वालों के हाथों में भी पहुंचेगा और ये पैसा बाज़ार में आएगा. इसलिए इनकम टैक्स में ज़्यादा छूट देने का कदम मिडिल क्लास और देश की अर्थव्यवस्था दोनों के लिए राहत भरा कदम साबित होगा.
अरुण कुमार कहते हैं कि सरकार ने मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में राहत देने का क़दम उठाकर एक नैरेटिव खड़ा किया है क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं और यहां बड़ी तादाद में सरकारी कर्मचारी रहते हैं, जो मिडिल क्लास के दायरे में आते हैं और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं.निर्मला सीतारमण की साड़ी से लेकर भाषण तक छाए रहने वाले बिहार को बजट में क्या मिलाविशेषज्ञों का कहना है कि देश में जीएसटी कलेक्शन लगातार बढ़ा है. यानी सरकार इनडायरेक्ट टैक्स के ज़रिये लोगों की जेब से ज़्यादा पैसा निकाल रही है.
भारत में ज़्यादातर कंज़्यूमर सामानों और सर्विसेज़ पर जीएसटी दर 18 फ़ीसदी या इससे ज़्यादा है. इससे ये चीज़ें महंगी हो रही हैं. इसका असर कंज़्यूमर सामानों की बिक्री पर पड़ रहा है.
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