Supreme Court Alimony Order For Muslim Women 'Against' Islamic Law: Muslim Law Board ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजाराभत्ता देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहराया है। लॉ बोर्ड का कहना है कि यह फैसला इस्लामी कानून के खिलाफ है, लिहाजा वह सभी संभावित उपायों का पता लगा...
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजाराभत्ता देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहराया है। AIMPLB की वर्किंग कमेटी ने रविवार को एक बैठक कर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर चर्चा की।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने एक मुस्लिम युवक मोहम्मद अब्दुल समद की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह फैसला हर धर्म की महिलाओं पर लागू होगा। मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता पाने का उतना ही अधिकार है, जितना अन्य धर्म की महिलाओं को। AIMPLB के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने बैठक के बाद बताया कि AIMPLB ने अपने अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी को इजाजत दी है कि वे सभी कानूनी, संवैधानिक और लोकतांत्रिक उपाय करके देखें जिससे सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को वापस लेने के लिए कहा जा सके।तेलंगाना के युवक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा, 'अब वक्त आ गया है कि भारतीय पुरुष पत्नी के त्याग को पहचानें। बैंक में उनके जॉइंट अकाउंट खोलें। एटीएम तक उनकी पहुंच बढ़ाएं। कुछ पति इस बात से अनजान हैं कि उनकी गृहणी पत्नी भावनात्मक और अन्य तरीकों से उन पर निर्भर है। पति के लिए जरूरी है कि वे पत्नी को नियमित रूप से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएं।'सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हर धर्म की महिला को समान हक देने का कानून हमारे संविधान में है। इससे किसी को अलग नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कानूनी...
यही नहीं, शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह व्यवस्था बनी थी कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला को भी पति से गुजारा भत्ता दिया जाएगा। पति भत्ता नहीं दे पाता है तो ऐसी महिलाओं को वक्फ बोर्ड द्वारा भत्ता दिए जाने का प्रावधान है।दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 में भरण पोषण का प्रावधान है। इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसके पास अपना भरण-पोषण करने के लिए पर्याप्त साधन हैं, वह पत्नी, बच्चों और माता-पिता को भरण-पोषण देने से इनकार नहीं कर सकता।दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 में पत्नी किसी भी...
Sharia Law Muslim Women Alimony Islamic Law All India Muslim Personal Law Board
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कहा- महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन जाएगाऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात कही है। हाल ही में सर्वोच्च अदालत ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को इद्दत की अवधि के बाद गुजारा भत्ता मांगने की अनुमति दी है। बोर्ड उत्तराखंड में पारित समान नागरिक संहिता UCC कानून को भी चुनौती देगा। यह जानकारी बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने...
और पढो »
वो कानून जिसके तहत तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गुजारा भत्ता, समझें- SC के फैसले को क्यों कहा जा रहा शाहबानो 2.0?सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को लेकर बड़ा फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में साफ किया कि दूसरे धर्मों की तरह ही एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला को भी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता का दावा करने का अधिकार है.
और पढो »
Iraq में इस्लामिक स्टेट के नेता अल बगदादी की पत्नी को मौत की सजा, जानें कौन है वो?Islamic State News: सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल के अनुसार, कारख क्रिमिनल कोर्ट ने महिला को आतंकी संगठन के साथ काम करने और यजीदी महिलाओं को बंदी बनाने का दोषी ठहराया.
और पढो »
मुस्लिम महिलाओं को गुजरे भत्ते पर कानूनी जंगबड़ी खबर आ रही है तलाकशुदा महिलाओं को गुजारे भत्ते के फैसले से जुड़ी. दिल्ली में हुई AIMPLB की Watch video on ZeeNews Hindi
और पढो »
तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता का अधिकारभारत के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी तलाकशुदा मुस्लिम महिला सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है.
और पढो »
Indian Army:'विकलांगता पेंशन से जुड़े नियम सख्त, कानून का दुरुपयोग असंभव'; शीर्ष सैन्य अधिकारी ने किया दावाविकलांगता पेंशन नियम को लेकर सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस कानून की पात्रता गलत तरीके से नहीं मिल सकती हैं। इस नियम में कई स्तर की जांच होती है।
और पढो »