सेंट्रल मार्केट के अवैध निर्माण को तीन महीने में ध्वस्त करने का निर्देश, आवास विकास के अफसरों पर कार्रवाई का आदेश
उत्तर प्रदेश के मेरठ का दिल कहा जाने वाला सेंट्रल मार्केट को अब ध्वस्त किया जाएगा. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश देते हुए कहा कि सेंट्रल मार्केट में 22 दुकानों समेत अन्य करीब डेड हजार अवैध निर्माण को तीन महीने में ध्वस्त कर दिया जाये. इतना ही नहीं आवास विकास के आवासीय परिसर को कमर्शियल बनाने के लिए जिम्मेदार अफसरों को खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं. बता दें कि शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट मेरठ के पॉश बाजारों में शामिल है.
मेरठ का क्रीमी लेयर इस मार्केट से शॉपिंग करता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां के व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सेंट्रल मार्केट के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ व्यापारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. 10 साल की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरक़रार रखा है. साथ ही आवास विकास के उन अफसरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जिनकी वजह से आवासीय परिसर को कमर्शियल बना दिया गया. यह भी पढ़ें: मेरठ में दरोगा के बेटे ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, एक के पैर में लगी गोली, देखें VIDEO क्या है पूरा मामला? दरअसल, आवास विकास की तरफ से 6500 आवासीय प्लॉटों की कॉलोनी विकसित की गयी थी, जिसमें से 800 घरों में दुकानें, शोरूम, बेकरी, रेस्टोरेंट व अन्य व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई. 1995 अफसरों सांठगांठ से शुरू हुआ यह खेल ऐसा बढ़ा कि यहां घर-घर में दुकानें और शोरूम खुल गए . बीतते समय के साथ ही सेंट्रल मार्केट मेरठ के पॉश बाजारों में शामिल हो गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब आवास विकास की तरफ से सर्वे किया गया तो इसका खुलासा हुआ. जिसके बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने में मार्केट से अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया है. जिसके बाद अब आवास विकास के अफसरों कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमल में लाते हुए कार्रवाई की जाएगी. व्यापारियों में दशहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां के व्यापारियों में दहशत का माहौल है. बुधवार को इस मार्केट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की चर्चा होती रही है. कुछ व्यापारियों ने तो आवास विकास के अफसरों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिय
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