यति केकड़े: गहरे समुद्र के रहस्यमय निवासी

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यति केकड़े: गहरे समुद्र के रहस्यमय निवासी
यति केकड़ागहरे समुद्रक्रस्टेशियन
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यति केकड़े गहरे समुद्र में रहने वाले अनोखे जीव हैं. ये अपने लंबे फरदार पंजों और समूह में रहने की आदत के लिए जाने जाते हैं. ये लगभग अंधे होते हैं और अपने पंजों से जहरीले तत्वों को खींचकर खाना बनाते हैं.

महासागरों की दुनिया में अनोखे जीवों की कमी नहीं है. इनमें से एक जीव अपने आकार और अपने भोजन हासिल करने के अंदाज के लिए जाना जाता है. गहरे समुद्र में जमीन से निकलने वाली गर्म गैसों के पास रहने वाले यति केकड़े (Yeti Crab) आकर्षक क्रस्टेशियन है. केवल 15 सेमी के ये जीव समूह में साथ रहते हैं और इनका सफेद रंग इन्हें खूबसूरत लुक देने का काम करता है. हर केकड़े के आगे वाले दो पंजे खास होते हैं.

लेकिन यति केकड़े के ये ही पंजे कुछ ज्यादा ही लंबे होते हैं इस कारण से ये अलग से नजर आते हैं और पहचाने भी जाते हैं. इनके पंजों में फर की तरह बाल निकले होते हैं. बताया जाता है कि इन फर की मदद से ये जहरीले तत्वों को खींच लेते हैं. यति केकड़े की एक खास बात ये होती है कि ये लगभग अंधे होते हैं. वैसे ही गहरे समुद्र में ये वहां रहते हैं जहां पर रोशनी नहीं होती है. यही वजह है कि ना तो वे अच्छे से देख पाते हैं और ना ही इससे इनका कोई नुकसान होता है. उनकी आंखे बहुत कमजोर होती है, लेकिन ये पूरी तरह से अधें नहीं होते हैं. हैरानी की बात ये है कि इन रोचक जीवों की खोज इसी सदी में हुई है. इन्हें साल 2005 में सबसे पहले प्रशांत महागार के ईस्टर द्वीप के पास के हाइड्रोथर्मल वेंट में देखा गया था. इसके बाद 2006 में इनकी दूसरी प्रजाति की खोज हुई थी. फिर चार और प्रजातियां खोजी गईं, 2013 में पांचवीं प्रजाति खोजी गई. 15 सेमी के ये केकड़े समूह में रहते हैं. गहरे समुद्र की ठंडक में इन जीवों की जान जा सकती है इसलिये हाइड्रोथर्मल वेंट के पास बहुत छोटी सी जगह पर ये एक साथ झुंड में रहते है. एक वर्ग मीटर में आपको करीब 600 यति केकड़े दिखाई दे जाएंगे. ये करीब 32 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रहते हैं. इनके लंबे फरदार पंजे सूक्ष्मजीवों से ढके होते हैं. ये “फर” वास्तव में बाल जैसे रेशे हैं, जो बैक्टीरिया को पकड़ने और पालने में मदद करते हैं. हैरानी की बात ये है कि ये सीधे बैक्टीरिया नहीं खाते हैं, बल्कि पहले उन्हें अपने फर में पालते हैं और उनके परिपक्व होने पर उन्हें खाते हैं. इस तरह से ये अपना खाना खुद “बनाते” हैं

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यति केकड़ा गहरे समुद्र क्रस्टेशियन हाइड्रोथर्मल वेंट बैक्टीरिया

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