पूर्वी यूरोप में अमेरिकी फौज की तैनाती के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर रूस को चीन का समर्थन मिला है. दोनों देशों ने मिलकर इशारों में अमेरिका को संदेश दिया है. RussiaUkraine
शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विंटर ओलंपिक के उद्धाटन में शरीक होने के लिए बीजिंग पहुंचे. वहां पुतिन की मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई. दोनों नेताओं की बीच यूक्रेन पर भी चर्चा हुई. इसके बाद दोनों नेताओं ने एक साझा बयान दिया. इस बयान को रूसी राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर भी पोस्ट किया गया है.
बयान में किसी देश का नाम लिए बिना कहा गया,"कुछ ताकतें जो कि दुनिया के बहुत छोटे हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं, वे अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को सुलझाने के लिए एकतरफा तरीके और ताकत की राजनीति, दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी, उनके वैधानिक अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचाने, भड़काने, असहमति और टकराव का समर्थन कर रही हैं."आम तौर पर चीन अंतराष्ट्रीय विवादों पर सीधी टिप्पणी से बचता है. लेकिन अमेरिका और पश्चिम की नई हिंद प्रशांत नीति बीजिंग को भी खटक रही हैं.
जून 2021 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात जिनेवा में हुई थी. उस दौरान भी पुतिन ने तनाव कम करने के नाम पर अपनी मांगों की सूची रख दी. एक प्रमुख मांग यह थी कि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर बैन लगाया जाए और यूरोपीय संघ के पूर्वी देशों में सेना और मिलिट्री हार्डवेयर को हटाया जाए. इस बातचीत के बाद कुछ समय के लिए तनाव कम हो गया.
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