यह लेख रत्नों के महत्व और उन्हें पहनने से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताता है।
जीवन में हर समय ऐसा आता है जब हमें कुछ चीजें हमारे नियंत्रण से बाहर लगती हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए किसी मदद की तलाश होती है। इस दौरान, ज्योतिष शास्त्र और रत्न महत्वपूर्ण होते हैं। रत्न ों का मानना है कि ये ग्रह ों की स्थिति और उनके प्रभाव को संतुलित करने में मदद करते हैं, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। हालाँकि, रत्न ों के प्रभाव को सही तरीके से महसूस करने के लिए जरूरी है कि हम इन्हें सही समय, सही दिशा और सही नियमों के अनुसार पहनें। आज हम आपको रत्न ों के महत्व और उन्हें पहनने
से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताएंगे, ताकि आप अपने जीवन को संवार सकें और अपने भाग्य को बदल सकें।\ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को ग्रहों के प्रभाव को नियंत्रित करने और उनका शुभता बढ़ाने के रूप में देखा जाता है। रत्नों का प्रत्येक ग्रह से जुड़ा हुआ एक विशिष्ट संबंध होता है। इन रत्नों के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और खुशहाली आ सकती है। उदाहरण के लिए, पुखराज (Yellow Sapphire) बृहस्पति ग्रह का रत्न है, जो ज्ञान, शिक्षा, और धन की प्राप्ति में मदद करता है, जबकि मोती (Pearl) चंद्रमा से जुड़ा हुआ है और मानसिक शांति और स्नेह को बढ़ावा देता है।\किसी भी रत्न को धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष का समय सबसे शुभ माना जाता है। शुक्ल पक्ष में रत्न पहनने से उसका प्रभाव सकारात्मक रहता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। वहीं, कृष्णपक्ष में रत्न पहनने से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है, इसलिए इस पक्ष में रत्न पहनने से बचना चाहिए। यदि रत्न को शुक्ल पक्ष में पहना जाता है, तो वह आपके जीवन में शुभ फल प्रदान करता है। रत्न को पहनने से पहले उसे विधि-विधान से पूजित और अभिमंत्रित करना जरूरी है। बिना पूजा और मंत्रोच्चारण के रत्न पहनने से उसका प्रभाव कमजोर हो सकता है। रत्न को सही तरीके से अभिमंत्रित करने से उसकी शक्ति अधिक प्रभावशाली होती है और इसका सही परिणाम मिलता है।\रत्न को न केवल शुभ मुहूर्त में खरीदना चाहिए, बल्कि उसे पहनने का समय भी शुभ मुहूर्त में होना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, हर रत्न को विशेष समय और मुहूर्त में पहनने से उसके प्रभाव में वृद्धि होती है। बिना शुभ मुहूर्त के रत्न खरीदने से उसका प्रभाव उल्टा भी हो सकता है
रत्न ज्योतिष ग्रह प्रभाव शुभ मुहूर्त शुक्ल पक्ष कृष्णपक्ष
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
वर्कआउट से पहले वार्म-अप करना क्यों जरूरी हैवर्म-अप एक्सरसाइज को करने से शरीर को व्यायाम के लिए तैयार किया जा सकता है, चोटों का खतरा कम किया जा सकता है और बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित किया जा सकता है।
और पढो »
तिलचट्टों से मुक्ति पाने के उपाययह लेख तिलचट्टों के प्रजनन और उनके आने के कारणों पर प्रकाश डालता है। यह उपाय बताता है कि कैसे तिलचट्टों को घर से भगाया जा सकता है।
और पढो »
रिलेशनशिप- होमवर्क के बोझ से दबे बच्चे: बच्चों पर पढ़ाई का बोझ न लादें, खेलकूद भी है जरूरी, साइकोलॉजिस्ट के ...School Homework VS Students Physical And Mental Health; ज्यादा होमवर्क बच्चों की मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है?बच्चों को होमवर्क प्रेशर से कैसे बचाया जा सकता है?
और पढो »
बंधुत्व: भारत की विकास यात्रा का आधारयह लेख भारत में बंधुत्व के महत्व पर प्रकाश डालता है और यह कैसे हमारे देश के विकास और एकात्म मानववाद के दर्शन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
और पढो »
रिश्तों में चिंगारी को फिर से जलाएंलम्बे समय तक साथ रहने के बाद रिश्ते में चिंगारी कमजोर पड़ जाती है। यह लेख बताता है कि इस समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है।
और पढो »
अंडे का पानी: गार्डनिंग की रहस्यमयी सुंदरताअंडे के उबले पानी को फेंकने से पहले, जानिये आपकी गार्डनिंग के लिए यह कैसे फायदेमंद हो सकता है।
और पढो »