राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी यादव को पार्टी के नाम, झंडा और चुनाव चिह्न के संदर्भ में निर्णय लेने का अधिकार दिया गया। 2025 के बिहार चुनावों में महागठबंधन का नेतृत्व भी तेजस्वी करेंगे।
राजद ने बिहार विधानसभा के चुनावों में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में उतरने का फैसला किया है। यह फैसला पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को अपनी अंतिम मुहर लगा दी। तेजस्वी ने इस प्रस्ताव पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद के नेतृत्व में राजद को सत्ता तक ले जाने के लिए उत्साही युवा और अनुभवी पुरानी पीढ़ी के साथ तालमेल बनाकर अथक परिश्रम करेंंगे। लालू प्रसाद ने तेजस्वी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई कि वे राजद को नई ऊंचाई तक लेकर जाएंगे। इस बैठक के बाद
महागठबंधन के नेतृत्व की जिम्मेदारी भी तेजस्वी के पास जा रही प्रतीत होती है। महागठबंधन में राजद के साथ कांग्रेस, तीनों वाम दल (भाकपा, माकपा और माले) और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। यह बैठक छह साल में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दूसरी बैठक थी। हालांकि, इस बार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह अस्वस्थ होने के कारण उपस्थित नहीं रह सके। पटना के होटल मोर्या में लगभग 300 प्रतिनिधियों ने सर्व-सम्मति से तेजस्वी को एक और अधिकार दिया। अब तेजस्वी पार्टी के संविधान में संशोधन के जरिये राजद के नाम, झंडा और चुनाव-चिह्न के संदर्भ में किसी भी तरह के निर्णय के लिए लालू प्रसाद के साथ एकमात्र अधिकारी बन गए हैं। इससे पहले यह अधिकार पार्टी की चुनाव समिति के पास रहता था। महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी में विघटन को ध्यान में रखते हुए राजद ने यह निर्णय लिया है। इस बैठक में सदस्यता अभियान और सांगठनिक चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया गया। राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने इस प्रस्ताव पर ध्यान केंद्रित किया। मार्च तक सदस्यता अभियान पूरा हो जाएगा और जुलाई के पहले सप्ताह तक सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। पांच जुलाई को पटना के बापू सभागार में खुला अधिवेशन होगा, जो राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी। इस पद पर लालू प्रसाद की दावेदारी निर्विवाद है। अगर ऐसा हुआ तो लगातार 13वीं बार लालू राजद के अध्यक्ष चुने जाएंगे। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता मनीष यादव ने कहा कि राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का एकमात्र उद्देश्य परिवारवाद को बढ़ावा देना है। मनीष ने कहा कि राजद की कार्यकारिणी में लालू प्रसाद का राजनीतिक कद को ऊपर करने का काम किया गया। दरअसल यह परिवार की पार्टी है। यहां परिवार के लोगों को ही पद मिलते हैं। दूसरे नेता लालू प्रसाद की कृपा पर ही निर्भर रहते हैं।
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