राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष के उस नोटिस को खारिज कर दिया था जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी।
नई दिल्ली: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को विपक्ष का वह नोटिस खारिज कर दिया जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी। राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी ने राज्यसभा में यह घोषणा की। महासचिव मोदी ने उपसभापति द्वारा दी गयी इस व्यवस्था की प्रति सदन के पटल पर रखी। उप सभापति ने धनखड़ के खिलाफ नोटिस को अनुचित और त्रुटिपूर्ण करार दिया और कहा कि इसे उपराष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जल्दबाजी में तैयार किया
गया।सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी को सौंपे अपने फैसले में हरिवंश ने कहा कि नोटिस देश की संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कम करने और मौजूदा उपराष्ट्रपति की छवि खराब करने की साजिश का हिस्सा है।विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ सौंपा था नोटिसबता दें कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने सभापति धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस 10 दिसंबर को राज्यसभा के महासचिव को सौंपा था। विपक्षी सदस्यों ने संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के इरादे से नोटिस दिया था। विपक्ष ने कहा था कि धनखड़ द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।उपसभापति ने खारिज किया नोटिससूत्रों के मुताबिक उपसभापति ने फैसला सुनाया कि ‘व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने के मकसद से लाए गए’ नोटिस की गंभीरता तथ्यों से परे है और प्रचार हासिल करने के उद्देश्य से है। उन्होंने यह भी कहा कि नोटिस सबसे बड़े लोकतंत्र के उपराष्ट्रपति के उच्च संवैधानिक पद को जानबूझकर महत्वहीन बनाने और अपमानित करने का एक ‘दुस्साहस’ है.'उपराष्ट्रपति की छवि को खराब करने की कोशिश'सूत्रों ने कहा कि संसद और उसके सदस्यों की प्रतिष्ठा के लिए चिंताजनक बात है कि नोटिस में ऐसे दावे भरे पड़े हैं जो निवर्तमान उपराष्ट्रपति की छवि को खराब करने के लिए हैं। उपसभापति ने अपने फैसले में कहा कि नोटिस में अनुच्छेद 67 (बी) का आह्वान किया गया है, जो उपराष्ट्रपति को हटाने पर विचार करने वाले किसी भी प्रस्ताव के लिए कम से कम 14 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार 10 दिसंबर 2024 का दिया गया नोटिस 24 दिसंबर 2024 के बाद ही कम से कम प्रभावी हो सकता है
राज्यसभा उपसभापति हरिवंश विपक्ष नोटिस जगदीप धनखड़ सभापति अविश्वास प्रस्ताव
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
राज्यसभा सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिजविपक्ष ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इसे खारिज कर दिया है।
और पढो »
राज्यसभा उपसभापति ने विपक्ष के सभापति हटाने के नोटिस को खारिज कर दियाविपक्ष ने सभापति धनखड़ के खिलाफ पक्षपातपूर्ण तरीके से संसद का संचालन करने के आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की थी। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इस नोटिस को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह तथ्यों से परे है और इसका मकसद केवल प्रचार हासिल करना है।
और पढो »
राज्यसभा उपसभापति ने विपक्ष का धनखड़ हटाने का नोटिस खारिज कर दियाराज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष द्वारा पेश किए गए नोटिस को खारिज कर दिया, जिसमें सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी. उपसभापति ने कहा कि नोटिस तथ्यों से परे है और इसका मकसद केवल प्रचार हासिल करना है.
और पढो »
जगदीप धनखड़ के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव, क्या है राज्यसभा के सभापति को पद से हटाने की प्रक्रिया?भारत में पहली बार राज्यसभा के सभापति को हटाने के लिए विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
और पढो »
राज्यसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव खारिजविपक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास नोटिस राज्यसभा महासचिव को सौंपा गया था। उपसभापति हरिवंश ने इस नोटिस को खारिज कर दिया है, यह कहकर कि यह तथ्यों से परे है और इसका उद्देश्य प्रचार हासिल करना है।
और पढो »
राज्यसभा सभापति पर अविश्वास प्रस्ताव खारिजविपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन उप-सभापति ने इसे खारिज कर दिया।
और पढो »