रामपुर की तबारक रोटी नवाबी दौर से प्रेरित एक पारंपरिक व्यंजन है जिसकी विशेष स्वाद और बनावट इसे इस शहर की पहचान बनाती है. यह रोटी अपने अनोखे स्वाद और लंबे समय तक ताजी रहने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है.
रामपुर : रामपुर का नाम सुनते ही नवाबी दौर की संस्कृति और वहां के खास व्यंजन याद आ जाते हैं. इन्हीं में से एक है तबारक की रोटी, जो नवाबी दौर से बनाई जा रही है. इस रोटी का स्वाद और उसकी खासियत आज भी इसे रामपुर की पहचान बनाए हुए है. इसका स्वाद बड़े-बड़े ब्रांड के पिज्जा पर ी भारी है. तबारक की रोटी बनाने के लिए मैदा, दूध, सौंफ, नारियल चूरा, और सूखे मेवे जैसे काजू और बादाम का इस्तेमाल किया जाता है. इन सामग्रियों को मिलाकर एक खास तरीके से गूंथा जाता है और फिर इसे धीमी आंच पर बेक किया जाता है.
बेक होने के बाद यह रोटी हल्की सुनहरी और कुरकुरी हो जाती है. इसका स्वाद इसे बाकी रोटियों से अलग और खास बनाता है. एक रोटी 10 रुपये में रामपुर के हर कोने में तबारक की रोटी का जिक्र होता है. यह रोटी न सिर्फ स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय है, बल्कि यहां आने वाले पर्यटक भी इसे खरीदकर ले जाते हैं. वर्तमान में तबारक की रोटी की कीमत 100 रुपये प्रति किलो है. इसके अलावा, एक रोटी 10 रुपये में भी उपलब्ध है. लोग इसे खासतौर पर नाश्ते में या चाय के साथ खाना पसंद करते हैं. रोटी की डिमांड तबारक की रोटी की डिमांड खास मौकों पर बढ़ जाती है. गुय्या तालाब क्षेत्र की बेकरी के मालिक बताते हैं कि लोग इसे 10 से 20 किलो तक खरीदकर ले जाते हैं. इसकी खासियत है कि यह लंबे समय तक ताजी बनी रहती है और इसका स्वाद दिनों तक बरकरार रहता है. नवाबी परंपरा तबारक की रोटी न सिर्फ एक व्यंजन है, बल्कि यह रामपुर की नवाबी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर की झलक भी पेश करती है. नवाबी दौर में यह रोटी खास मौकों पर बनाई जाती थी और आज भी इसका वहीं महत्व बरकरार है
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