राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने भारत के संविधान, राष्ट्रीय इतिहास, खेलों में उपलब्धियों और बढ़ते आत्मविश्वास पर प्रकाश डाला।
भारत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को ज्ञान और विवेक का उद्गम माना जाता था और यह दुनिया की प्राचीनतम सभ्यताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा, लेकिन आज के दिन, सबसे पहले हम उन सूर वीरों को याद करते हैं जिन्होंने मातृभूमि को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी दी। इस वर्ष, हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं। वे ऐसे अग्रणी स्वाधीनता
सेनानियों में शामिल हैं जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है।\राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि वर्ष 1947 में हमने स्वाधीनता प्राप्त कर ली थी, लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता के कई अवशेष लंबे समय तक विद्यमान रहे। हाल के दौर में, उस मानसिकता को बदलने के ठोस प्रयास हमें दिखाई दे रहे हैं। ऐसे प्रयासों में इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, और इंडियन एविडेंस एक्ट के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय सर्वाधिक उल्लेखनीय है।\उन्होंने कहा कि भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब हमारी संविधान सभा की संरचना में भी दिखाई देता है। उस सभा में देश के सभी हिस्सों और सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व था। सबसे अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, हंसाबेन मेहता और मालती चौधरी जैसी 15 असाधारण महिलाएं भी शामिल थीं। राष्ट्रपति ने भारत के बढ़ते आत्मविश्वास का उल्लेख करते हुए कहा कि यह खेल के क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने अपनी जीत की ललक से देश को गौरवान्वित किया है और अगली पीढ़ी को ऊंचे लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में भारत के शानदार प्रदर्शन का उदाहरण दिया। उन्होंने शतरंज खिलाड़ियों के प्रदर्शन, विशेषकर डी गुकेश के विश्व चैंपियन बनने की उपलब्धि का भी जिक्र किया
भारत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता संविधान खेल आत्मविश्वास भागीदारी बढ़ोतरी
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत में गणतंत्र दिवस मनाने पहुंचेइंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि हैं, जो भारत-इंडोनेशिया के संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
और पढो »
राष्ट्रपति मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित कियाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत के गणतांत्रिक मूल्यों, जन-कल्याण को नई परिभाषा दी जाने पर चर्चा की। उन्होंने इसरो की उपलब्धियों और खिलाड़ियों के प्रदर्शन की भी प्रशंसा की।
और पढो »
राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्र को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधित कियाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता को हमारी सभ्यता का अंग बताया। उन्होंने सरकार द्वारा जन-कल्याण को नई परिभाषा देने की सराहना की। राष्ट्रपति ने एक राष्ट्र एक चुनाव पहल की वकालत की और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने इसरो की उपलब्धियों और खिलाड़ियों के प्रदर्शन की भी सराहना की।
और पढो »
राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित 34 सीबीआई और एनआईए अधिकारीगणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने सीबीआई और एनआईए के 34 अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया है।
और पढो »
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली का मौसमदेश के 76वें गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में रविवार को मौसम साफ और सुहाना रहेगा।
और पढो »
राष्ट्रपति मुर्मू ने गणतंत्र दिवस पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया, बिरसा मुंडा की जयंती और राष्ट्र एक चुनाव पर प्रकाश डालाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता संग्राम के वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का जिक्र किया. उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की सरकार की पहल को 'साहसपूर्ण दूरदर्शिता' का एक प्रयास बताया और कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से सुशासन को नए आयाम मिल सकते हैं. राष्ट्रपति ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सामाजिक और आर्थिक विकास पर प्रकाश डाला और औपनिवेशिक मानसिकता को बदलने के ठोस प्रयासों का उल्लेख किया.
और पढो »