Kerala Wayanad Landslide Tragedy Causes; Follow Madhav Gadgil-panel Report Report and Updat On Dainik Bhaskar (दैनिक भास्कर) 1980 के दशक में वृक्षारोपण के लिए भूमि को साफ करने के लिए शुरू की गई वनों की कटाई जैसे कारकों ने धीरे-धीरे इस क्षेत्र में मिट्टी की स्थिति को बदल दिया...
5 साल में होटल डबल, एक्सपर्ट की बात मानी होती तो बच जातीं 334 जानें‘रात में 8 बजे से तेज बारिश शुरू हुई थी। यहां अक्सर बारिश होती है, लेकिन उस दिन लगा जैसे बादल फट रहा है। परिवार घर में ही था। हम खाना खाकर सो गए। रात करीब 2 बजे तेज आवाज से नींद खुली। घर हिल रहा था। मुझे लगा भूकंप आया है।''मैं दरवाजे की तरफ भागा, बाहर देखा कि घर के बगल से नदी बह रही है। पड़ोसियों के घर टूट गए हैं। पूरा गांव बर्बाद हो गया। अब उस वीराने में वापस जाकर क्या करूंगा। जिस जगह से गुजरूंगा, अपने लोगों की याद...
इसके बाद भी सब चलता रहा। जंगल काटकर चाय बागान बनाए गए, माइनिंग होती रही, वायनाड टूरिस्ट स्पॉट बना तो नए होटल और रिजॉर्ट भी बने। बीते 10 साल में वायनाड आने वाले टूरिस्ट तीन गुना से ज्यादा बढ़े हैं। राहुल गांधी ने वायनाड से चुनाव लड़ा, तब इसे टूरिस्ट हब बनाने का वादा किया था। राहुल के सांसद बनने के बाद वायनाड में टूरिस्ट की संख्या 70% बढ़ गई।
अनिल कुमार आगे कहते हैं कि इकोलॉजिकल सेंसिटिव जोन का 75% हिस्सा I और II कैटेगरी में आता है। इसमें वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी और नेचुरल पार्क आते हैं। यह पहले से प्रोटेक्टेड एरिया हैं। पैनल ने साउथ सेंट्रल वेस्टर्न घाट में आने वाले वायनाड को I और II कैटेगरी में बांटा था। पर्यावरणविद् जयप्रकाश नारायण भी वायनाड के इकोसिस्टम को बचाने के लिए आवाज उठाते रहे हैं। वे बताते हैं, ‘तीन दिन पहले मेप्पाडी में जो हुआ है, उसका अंदेशा अगस्त 2019 में पुथामला में आई बाढ़ से हो गया था। पुथामाला से लैंडस्लाइड वाली जगह सिर्फ 3 किमी दूर है। हमने पहले ही कहा था कि अगर वायनाड में पहाड़ों पर अंधाधुंध कंस्ट्रक्शन नहीं रुका तो यहां बड़ी त्रासदी हो सकती है।’
टूरिस्ट बढ़े तो जगह-जगह पेड़ काटकर पहाड़ को समतल किया गया। यहां रिसॉर्ट, होटल और लॉज बनाए गए। 2014 में वायनाड में सिर्फ 413 होटल थे। 2019 में ये बढ़कर 553 और 2024 में बढ़कर 1356 हो गए। 'डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के मुताबिक, वायनाड में लगभग 102 वर्ग किमी एरिया एक्स्ट्रीम लैंडस्लाइड और 196 वर्ग किमी एरिया मॉडरेट लैंडस्लाइड वाला है।’कोझिकोड से वायनाड तक बन रहा रोड प्रोजेक्ट वेस्टर्न घाट की पहाड़ियों से गुजरेगा। इसमें बनने वाली टनल भारत की तीसरी सबसे लंबी सुरंग होगी। इस टनल की लंबाई 8.17 किमी होगी। प्रोजेक्ट की लागत करीब 2400 करोड़ रुपए है।
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