इस सप्ताह हम दुनिया जहान में यही जानने की कोशिश करेंगे कि अगर वक़्त रहते यूक्रेन को अमेरिकी हथियार मिल गए तो क्या वो रूस को जवाब दे पाएगा?
यूक्रेन में चल रहा युद्ध एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है. रूस ने उत्तर-पूर्वी यूक्रेन पर अपने हमले तेज़ कर दिए हैं.
देश के पूर्वी क्षेत्र में ख़ारकीएव शहर के रेल यातायात सहित कई ढांचागत सुविधाओं को रूसी मिसाइल हमलों से भारी नुक़सान पहुंचा है.एक कारण यह है कि पिछले साल रूस पर जवाबी हमले के दौरान यूक्रेनी सेना रूसी सेना की सप्लाई लाइन को तोड़ने में विफल रही और रूस अधिक सैनिक और हथियार क्षेत्र में लाने में कामयाब हो गया.
वे कहते हैं कि यूक्रेन की सेना को ऐसा करने के लिए अगले साल तक हथियारों की सप्लाई के आश्वासन की ज़रूरत है. ग्रेसेल कहते हैं, "दुर्भाग्यवश मार्च और अप्रैल में रूस ने यूक्रेन के कई बिजली उत्पादन प्लांट क्षतिग्रस्त कर दिए, क्योंकि यूक्रेन के पास पर्याप्त हवाई प्रतिरक्षा हथियार नहीं बचे थे." वे कहते हैं, "मुझे लगता है यूक्रेन में युद्ध की तस्वीर काफ़ी बदल जाएगी, क्योंकि यूक्रेनी सेना के पास हथियार और गोला-बारूद ख़त्म हो रहे थे. हवाई प्रतिरक्षा के लिए ज़रूरी हथियारों की कमी से भी वह जूझ रहा था. अमेरिकी सहायता से यह कमी जल्द ही पूरी हो जाएगी."
वे कहते हैं, "पिछले दो सालों से अमेरिका और यूरोपीय देश अपने सैन्य भंडारों से हथियार निकाल कर यूक्रेन को सप्लाई कर रहे थे, लेकिन अब हम ख़ासतौर पर यूक्रेन के लिए हथियार बनाएंगे जिससे आने वाले समय में यूक्रेन की स्थित काफ़ी मज़बूत होगी." इसे ध्यान में रखते हुए यूक्रेन ने एक नए क़ानून के मसौदे को मंज़ूरी दे दी है जिसके तहत सेना में अनिवार्य भर्ती के लिए न्यूनतम आयु को 27 वर्ष से घटाकर 25 वर्ष कर दिया जाएगा. यूक्रेन को उम्मीद है कि वो पांच लाख लोगों को सेना में भर्ती कर पाएगा.
मिरोन कहती हैं, "रूस की कोशिश है कि यूक्रेन को यह सहायता मिलने से पहले उसकी सेना को इतना कमज़ोर कर दिया जाए कि इस पैकेज से उसे ख़ास फ़ायदा ना हो."मैक्रों के बयान के बाद पुतिन की चेतावनी को क्यों माना जा रहा है ख़तरनाकडॉक्टर मरीना मिरोन की राय है कि रूस कई मोर्चों पर यूक्रेनी सेना को उलझाना चाहता है. इस समय यूक्रेन के पास बड़ी समस्या सैनिकों की किल्लत की है. आख़िरकार पश्चिम से मिलने वाले अत्याधुनिक हथियारों को इस्तेमाल करने के लिए लोगों की ज़रूरत पड़ेगी.
'रूसी सेना' में क्या कर रहे हैं भारतीय युवा, यूक्रेन से लड़ने युद्ध के मैदान तक कैसे पहुंचे, पूरी कहानीओल्गा ओनुच की राय है कि अधिकांश यूरोपीय सहयोगी उनकी यह बात पूरी तरह समझते हैं. उन्हें इस मुद्दे को उठाते रहना पड़ेगा लेकिन बेहतर होगा अगर यह काम उन्हें अकेले ना करना पड़े. अमेरिकी सहायता पैकेज से उन्हें राजनीतिक तौर पर कुछ मदद तो मिलेगी लेकिन अमेरिका में चुनाव के बाद अगर रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार राष्ट्रपति बनता है तो भविष्य में शायद दोबारा ऐसी सहायता ना मिले.यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की
वे कहती हैं, "उनकी बात सच है. इसराइल को दी गई सहायता और यूक्रेन की मिली सहायता में अंतर है. इसी प्रकार की कार्रवाई 24 फ़रवरी 2022 को भी की जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि अमेरिका और यूके ने सोचा कि वो यूक्रेन की वायु सीमा की सुरक्षा करने की क्षमता नहीं रखते या उस दिशा में क़दम उठाना नहीं चाहते."
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
चीन को मात देने के लिए अमेरिका बनाएगा स्विचब्लेड ड्रोन: इन्हें चलाने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं; संसद ने ...US Switchblade Drone Funding - रूस-यूक्रेन जंग के बीच चीन रूस को लगातार सस्ते ड्रोन बनाने की टेक्नोलॉजी दे रहा है। इसी ड्रोन से रूस को यूक्रेन पर बढ़त मिल रही है।
और पढो »
रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन को 61 अरब डॉलर की मदद का बिल अमेरिकी संसद में मंजूरयूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी मदद को काफी अहम करार दिया है. जेलेंस्की ने इस मदद पर आभार जताते हुए कहा कि लोकतंत्र और आजादी की दुनिया में हमेशा अहमियत बनी रहेगी और जब तक अमेरिका मदद करेगा तब तक ये बचे रहेंगे.
और पढो »
अमेरिका ने गुप्त रूप से यूक्रेन की मदद के लिए दी लंबी दूरी वाली मिसाइलेंये हथियार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से बीती मार्च में यूक्रेन को दी गई 30 करोड़ डॉलर की मदद का हिस्सा हैं.
और पढो »
US: रूस के खिलाफ मजबूत होगा यूक्रेन, अमेरिका ने पैट्रियट मिसाइल सिस्टम देने का किया एलानपैट्रियट इंटरसेप्टर्स और NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से यूक्रेन को रूस के हवाई हमलों से बचने में काफी मदद मिलेगी।
और पढो »
एक, दो, तीन नहीं बल्कि 40 बार से अधिक चीन के राष्ट्रपति से मिले हैं पुतिन, जानें भारत का क्या है नुकसान?Putin arrives in China: यूक्रेन जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन पहुंच चुके हैं, पुतिन का यह दौरा दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है.
और पढो »
S-400 Triumf Missile System: अगले साल तक मिलेंगे दो और S-400 मिसाइल सिस्टम, आखिर क्यों अमेरिकी धमकी के बाद भी भारत ने रूस से खरीदा यह हथियारIndia Russia Defense Deal: रूस 5.5 अरब अमेरिकी डॉलर के सौदे के तहत भारत को लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों की तीन यूनिट की सप्लाई पहले ही कर चुका है.
और पढो »