दुनिया के हथियारों के बाज़ार पर किस देश का क़ब्ज़ा है और कौन से वो देश हैं जो उनसे हथियार ख़रीदते हैं?
स्वीडन स्थित थिंक टैंक 'स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट'
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ राहुल बेदी इसके पीछे की वजह बताते हैं. उनके मुताबिक़, "चीन का एक पुराना आज़माया हुआ फॉर्मूला है. वो पहले दूसरे देशों से हथियार ख़रीदता है और फिर उसको 'रिवर्स इंजीनियर' करके, कुछ बेहतर बनाकर बेचता है." जानकार मानते हैं कि इसी वजह से भारत इस मामले से दूरी बनाए हुए है और खुलकर रूस का विरोध नहीं कर रहा. रूस भारत को हथियारों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में भी मदद करता है. जिस वजह से भारत कुछ चीज़ें अपने देश में भी बना पाता है.4- अमेरिका से हथियार कौन से देश खरीदते हैं
हाल ही में रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत' का नारा बुलंद किया है. इस वजह से भी भारत रक्षा क्षेत्र में विविधता लाकर रूस और अन्य मुल्कों पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसमें 53 फ़ीसदी की कटौती भारत की वजह से हुई. इस दौरान भारत ने दूसरे देशों से भी हथियार लिए. हालांकि रूस अब हथियार बेचने के लिए चीन का रुख़ कर रहा है, लेकिन इस घाटे की पूरी भरपाई अब भी नहीं हो पाई है.