उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ के छोटे और बड़े इमामबाड़े को वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं बताते हुए जेपीसी की बैठक में इसका दावा किया है. इस दावे पर वक्फ बोर्ड और मुस्लिम धर्म गुरुओं ने कड़ा एतराज जताया है.
लखनऊ का चर्चित छोटा और बड़ा इमामबाड़ा वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है, यह दावा लखनऊ में मंगलवार को जेपीसी की बैठक में राज्य सरकार ने किया है. जिसके बाद वक्फ बोर्ड और मुस्लिम धर्म गुरु ओं ने इस दावे पर कड़ा एतराज जताया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में वक्फ बोर्ड के दावे वाली संपत्तियों का जो सर्वे कराया है, उसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं. इसमें लखनऊ का छोटा और बड़ा इमामबाड़ा भी है. इन संपत्तियों की कीमत भी सैकड़ों करोड़ रुपये में है.
सर्वे में सरकार ने इन दोनों संपत्तियों पर अपना बताकर वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया है. वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 पर मुसलमानों की राय और सुझाव लेने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मंगलवार को लखनऊ में हुई बैठक में राज्य सरकार ने वक्फ संपत्तियों के सर्वे की रिपोर्ट पेश की. जिसमें राज्य सरकार ने दावा किया कि छोटा और बड़ा इमामबाड़ा वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है. पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि वक्फ 14 हजार हेक्टेयर जमीन पर वक्फ बोर्ड दावा करता है, लेकिन 11700 हेक्टेयर जमीन सरकारी है, इसी को लेकर मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी कहा है कि लखनऊ का छोटा इमामबाड़ा बड़े इमामबाड़ा संपत्ति वक़्फ़ की नहीं है. यह संपत्ति सरकार की है और सरकार सर्वे करा रही है जो संपत्तियां सबूत नहीं दिखा पाएगी वह संम्पति सरकार ले लेगी. राज्य सरकार के दावे को लेकर दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे बयान देते हैं. ओमप्रकाश राजभर को पता ही नहीं है. राजभर जेपीसी के मेंबर ही नहीं हैं. अंदर मीटिंग में क्या चर्चा हुई तो इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए. हम लोग अपने सुझाव दे रहे हैं उसी के बाद बिल पास होगा तब देखा जाएगा कौन संपत्ति किसकी है. वहीं मौलाना साहब अब्बास ने कहा है कि 1857 में इंडिया में ईस्ट इंडिया कंपनी आई थी जिसने उसका सपोर्ट किया. उनकी संपत्ति बच गई जिसने उनका सपोर्ट नहीं किया जो देश के लिए लड़े उनकी संपत्तियों को उन लोगों ने नजूल में डाल दिया तो आज हम लोगों की संपत्तियां वक़्फ़ बिल द्वारा हड़पी जाएगी. देश के लिए सच्चा होने की सजा हम लोगों को दी जा रही है. छोटा इमामबाड़ा बड़ा इमामबाड़ा वक़्फ़ की संपत्ति नहीं है इसको लेकर शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा कल बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है कि छोटा इमामबाड़ा और बड़ा इमामबाड़ा सरकार की संपत्ति है, सरकार रेवेन्यू के आधार पर संपत्तियों का सर्वे कर रही है.
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