लखीमपुर खीरी घटना: क्या बिगड़ सकता है भाजपा का सियासी गणित, केंद्रीय नेतृत्व के सामने रास्ता क्या? lakhimpurkheri myogioffice BJP4India
जहां प्रदेश सरकार अपने उपलब्धियों के बल पर इस चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही थी, ठीक चुनाव से कुछ महीने पहले इस कांड ने भाजपा को नए सिरे से अपनी रणनीति तैयार करने के लिए मजूबर कर दिया है।उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों और एक पत्रकार समेत नौ लोगों की मौत के बाद प्रदेश की सियासत में नया बवाल मच गया है। इस सियासी बवाल के बीच किसान आंदोलन को लेकर पहले ही विपक्ष के निशाने पर आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, संजय सिंह से लेकर तमाम विपक्षी दलों...
वे कहते हैं कि इस कानून को बनाने से पहले किसी स्टेक होल्डर से बात नहीं की गई, संसद की सेलेक्ट कमेटी में यह बिल नहीं भेजा गया, बस सरकार ने अध्यादेश जारी कर इसे लागू कर दिया। जाहिर है इससे किसानों में नाराजगी होगी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में जिस तरह का अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है इससे किसानों में जबरदस्त रोष है और यह बढ़ता ही जा रहा है। जिसका नुकसान भाजपा को चुनावों में उठाना पड़ सकता है।समझा जा रहा है कि किसान आंदोलन का असर अभी तक केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित था, लेकिन लखीमपुर...
परसाईं मानती हैं कि इस वक्त यह कहना मुश्किल है कि लखीमपुर खीरी की घटना से भाजपा को कितना नुकसान होगा और विपक्षी पार्टियों को कितना फायदा होगा। क्योंकि इस घटना के बाद भाजपा भी अपनी रणनीति बनाएगी और दूसरी तरफ देखें तो विपक्ष एकजुट नहीं है। विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी को तो पहले अपना ही घर ठीक करने की जरूरत है। वहीं यह भी देखना होगा कि किसान आंदोलन में शामिल किसानों का भाजपा विरोधी जो रूख है उसको वे वोट में कितना तब्दील कर सकेंगे। वैसे कृषि कानून को लेकर अभी तक तो सरकार के रूख में कोई बदलाव नजर...
रामदत्त त्रिपाठी मानते हैं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने जिस तरह से किसानों को चुनौती दी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जिस तरह का बयान दे रहे हैं वह किसानों के गुस्सा को भड़काने का और काम कर रही है। यदि यह मामला नहीं सुलझता है तो पांच राज्यों में कानून-व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो सकती है। वे मानते हैं कि पीएम मोदी को बिना देर किए अब किसानों से बात करनी चाहिए।उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों और एक पत्रकार समेत नौ लोगों की मौत के बाद प्रदेश की सियासत में नया...
वे कहते हैं कि इस कानून को बनाने से पहले किसी स्टेक होल्डर से बात नहीं की गई, संसद की सेलेक्ट कमेटी में यह बिल नहीं भेजा गया, बस सरकार ने अध्यादेश जारी कर इसे लागू कर दिया। जाहिर है इससे किसानों में नाराजगी होगी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में जिस तरह का अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है इससे किसानों में जबरदस्त रोष है और यह बढ़ता ही जा रहा है। जिसका नुकसान भाजपा को चुनावों में उठाना पड़ सकता है।समझा जा रहा है कि किसान आंदोलन का असर अभी तक केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित था, लेकिन लखीमपुर...
अपनी खोई पुरानी सियासी जमीन हासिल करने के लिए कांग्रेस शुरू से किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। लखीमपुर खीरी कांड के बाद किसानों का समर्थन करने के लिए कांग्रेस के कई नेता मैदान में उतार दिए गए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जहां रात में ही लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश में थीं। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी घटनास्थल पर पहुंचने के प्रयास में...
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किसान प्रदर्शन के दौरान हिंसा के बाद राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी के लिए रवानाराकेश टिकैत ने ट्विटर पर एक कथित वीडियो संदेश पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा कि लखीमपुर में किसान प्रदर्शन के बाद लौट रहे थे, जब उन पर हमला हुआ. कुछ पर गाड़ी चढ़ा दी गई. उन पर गोलियां भी चलाई गईं. घटना में कई लोग मारे गए हैं.
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'किसानों के ऊपर मंत्री के बेटे ने चढ़ाई गाड़ी', लखीमपुर कांड पर बोले राकेश टिकैतउत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है. आरोप है कि केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने गाड़ी से किसानों को रौंद दिया, जिससे दो किसानों की मौत हो गई. भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. तेजेंद्र सिंह विर्क के भी घायल होने की सूचना है. हादसे के बाद हंगामा शुरू हो गया है. मौके पर तीन गाड़ियों में आग लगा दी गई है. इस घटना को लेकर किसानों में आक्रोश है और गुस्से में आकर किसानों ने गाड़ियां फूंक दी हैं. राकेश टिकैत ने आजतक से इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि इस घटना में चार किसानों की मौत हो गई है, वहीं दस से ज्यादा घायल हैं और गोलियां भी लगीं हैं. किसान बस शांति से विरोध कर रहे थे. मंत्री का बेटा आया और उसने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी. विरोध प्रदर्शन करना कोई गलत नहीं कि उस पर गाड़ी चढ़ा दी गई, ये चीन नहीं है. देखें आगे क्या बोले राकेश टिकैत.
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लखीमपुर हिंसा केस: केंद्रीय गृहराज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र के खिलाफ एफआईआर दर्जउत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र
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